Published 17:17 IST, September 22nd 2024
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में पहली बार दूसरे दौर में पहुंची मतगणना
श्रीलंका में कभी भी कोई चुनाव मतगणना के दूसरे दौर तक नहीं पहुंचा है, क्योंकि प्रथम वरीयता मतों के आधार पर हमेशा कोई उम्मीदवार विजेता बना है।
श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलने के बाद रविवार को इतिहास में पहली बार दूसरे दौर की मतगणना कराने का आदेश दिया गया है। श्रीलंका में कभी भी कोई चुनाव मतगणना के दूसरे दौर तक नहीं पहुंचा है, क्योंकि प्रथम वरीयता मतों के आधार पर हमेशा कोई उम्मीदवार विजेता बना है।
नवीनतम परिणामों से पता चला है कि मार्क्सिस्ट जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के मोर्चे नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके ने 39.52 प्रतिशत मत हासिल किए हैं। विपक्षी नेता सामगी जन बालवेगया के साजिथ प्रेमदासा लगभग 34.28 प्रतिशत मतों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
श्रीलंका में 2022 के आर्थिक संकट के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष आर. एम. ए. एल. रत्नायके ने कहा कि दिसानायके और प्रेमदासा ने राष्ट्रपति चुनाव में अधिकतम वोट हासिल किए हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों में से किसी को भी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिले हैं, इसलिए मतों की दूसरी वरीयता गणना की जाएगी।
श्रीलंका में मतदाता वरीयता के क्रम में तीन उम्मीदवारों का चुनाव करते हैं। यदि किसी उम्मीदवार को पूर्ण बहुमत प्राप्त होता है, तो उसे विजेता घोषित किया जाता है। यदि नहीं, तो मतगणना का दूसरा दौर शुरू होता है, जिसमें दूसरे और तीसरे विकल्प के मतों के आधार पर निर्णय लिया जाता है। रत्नायके ने कहा कि कुल मतों और वरीयता मतों की गणना के बाद नया राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किया जाएगा।
Updated 17:17 IST, September 22nd 2024