अपडेटेड 29 July 2024 at 21:40 IST
डीजीटीआर ने चीन में बने बिना फ्रेम वाले कांच के दर्पण पर पांच साल के लिए 234 अमेरिकी डॉलर प्रति टन की दर से डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। वाणिज्य मंत्रालय की इकाई ने घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने के लिए यह कदम उठाया है। व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने पड़ोसी देश से उत्पाद की डंपिंग की जांच करने के बाद शुल्क की सिफारिश की है।
बिना फ्रेम वाले कांच के दर्पण का इस्तेमाल मुख्य रूप से वास्तुकला और फर्नीचर निर्माण में किया जाता है। इसका उपयोग निर्माण व्यवसाय में अंदरूनी सजावट के लिए भी किया जाता है। डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘प्राधिकरण विषयगत देशों (चीन) में बने या वहां से निर्यात की जाने वाली विषयगत वस्तुओं के आयात पर पांच साल के लिए डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है।’’
अखिल भारतीय दर्पण विनिर्माण संघ से एक ज्ञापन मिला था, जिसमें कहा गया कि चीन से इन वस्तुओं की डंपिंग से घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है। निदेशालय ने अपने निष्कर्षों में कहा कि डंप किए गए आयात के कारण घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत डीजीटीआर शुल्क की सिफारिश करता है, जबकि वित्त मंत्रालय सिफारिश के तीन महीने के भीतर इसे लागू करने के बारे में अंतिम निर्णय लेता है।
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पब्लिश्ड 29 July 2024 at 21:40 IST