अपडेटेड 23 August 2025 at 21:18 IST
पाकिस्तान की तरह चीन की चाल में फंसता जा रहा बांग्लादेश! भारत को चौकन्ना रहने की कितनी जरूरत?
India-China: भारत के पश्चिम में पाकिस्तान को अच्छे से इस्तेमाल करने के साथ-साथ अब चीन भारत के पूर्व में यानी बांग्लादेश में अपना पांव पसार रहा है, जबकि भारत का पड़ोसी नेपाल काफी पहले से ही चीन के इशारों पर चलते आ रहा है। इसको देखते हुए भारत को काफी चौकन्ना रहने जरूरत है। भारत को इस बीच कई मोर्चों पर अपनी रणनीति बनानी होगी ताकि आने वाले समय में विभिन्न चुनौतियों का सामना किया जा सके।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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India, Pakistan, China and Bangladesh: बहुत वर्षों पहले जब भारत ने चीन (ड्रैगन) को अपनी सीमा से लगे क्षेत्रों में निर्माण कार्य करने के लिए मना कर दिया था, तब चाइना भारत के पड़ोसी देशों को अपना ढाल बनाना शुरू कर दिया। भारत हमेशा से किसी भी देश खासकर चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ रहा है, वह भी तब जब बात भारत की सीमा से सटे क्षेत्रों में निर्माण की हो।
भारत और चीन के बीच डोकलाम और गलवन घाटी में सैनिकों के बीच संघर्ष भी हो चुका है। भारत ने हर मोड़ पर अपनी सीमा और जमीन को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा से तत्परता से काम किया है और आगे भी कर रहा है। लेकिन चीन भारत के लिए एक अलग तरीके से संकट पैदा करने के फिराक में दिख रहा है। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान के बाद अब चीन बांग्लादेश को अपना निशाना बना रहा है और अपनी चाल में फंसा रहा है।
पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश की बारी
दुनिया जानती है कि चीन, पाकिस्तान को अपने लिए कितना और कैसे इस्तेमाल करता है। चीन की महत्वाकांक्षी योजना 'वन बेल्ट, वन रोड' भारत को छोड़कर, पाकिस्तान और इसके पड़ोसी देशों से होकर गुजरती है। भारत के विरोध के कारण यह भारतीय क्षेत्रों और खासकर सीमा क्षेत्रों से होकर नहीं जा सका। कहीं न कहीं इसकी खिज चीन को रहती ही है। अब भारत को एक तरह से घेरने के लिए चीन पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश का इस्तेमाल करने लगा है।
जी हां, बांग्लादेश में जब तक शेख हसीना की सरकार थी, तब तक भारत के लिए कोई चिंता की बात नहीं थी। लेकिन अब शेख हसीना सरकार के जाने के बाद भारत की चिंता बांग्लादेश से भी बढ़ गई है। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार ने चीन के लिए अपना दरवाजा खोल दिया है। इस सरकार ने चीनी निवेश और परियोजनाओं का बांग्लादेश में खुलकर स्वागत किया है। पद्मा ब्रिज, स्पेशल इकोनॉमिक जोन और नदी के जल का प्रबंधन समेत अन्य कई जगहों पर चीन ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है। यहां के बंदरगाहों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी चीन अपना धाक बढ़ाते जा रहा है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों ही इस्लामिक पृष्ठभूमि से है और यहां की कट्टरपंथी ताकतें भारत को अपना स्थायी दुश्मन मानती हैं। अब चीन को भी इनका साथ मिल रहा है तो यह भारत के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है।
भारत के बॉर्डर क्षेत्र में शांति की चिंता
यहां बता दें कि शुरू में BRI (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) में बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार (BCIM) आर्थिक गलियारा शामिल था। बाद में भारत ने चीन के पश्चिम में शिनजियांग से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के माध्यम से ग्वादर के अरब सागर बंदरगाह तक चलने वाले CPEC पर अपना विरोध जताते हुए BRI में शामिल होने से मना कर दिया। भारत के भाग न लेने से BCIM गलियारे का निर्माण रुक गया और इसकी जगह बाद में लॉन्च किए गए चीन-म्यांमार आर्थिक गलियारे ने ले ली है।
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भारत के पश्चिम में पाकिस्तान को अच्छे से इस्तेमाल करने के साथ-साथ अब चीन भारत के पूर्व में यानी बांग्लादेश में अपना पांव पसार रहा है, जबकि भारत का पड़ोसी नेपाल काफी पहले से ही चीन के इशारों पर चलते आ रहा है। इसको देखते हुए भारत को काफी चौकन्ना रहने जरूरत है। भारत को इस बीच कई मोर्चों पर अपनी रणनीति बनानी होगी ताकि आने वाले समय में विभिन्न चुनौतियों का सामना किया जा सके।
चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा - भारत में चीन के राजदूत
वैसे अभी की बात करें तो आजकल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मनचाहे टैरिफ ने भारत और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ाई है। इतना ही नहीं चीन ने इस स्थिति में भारत के साथ खड़े होने की भी बात कही है। बीते दिनों भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा, "अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया है और इससे भी अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है। चुप्पी केवल धमकाने वालों को बढ़ावा देती है। चीन भारत के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।"
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Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 23 August 2025 at 21:18 IST