अपडेटेड 21 December 2024 at 13:55 IST
बांग्लादेश में नहीं थम रहा हिंदू आस्था पर आक्रामण, फिर तोड़ी गई देवी-देवता की मूर्तियां, मचा बवाल
बांग्लादेश में तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। इस हमले में 7 से 8 की संख्या में देवी-देवता की मूर्तियों को तोड़ा गया है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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बांग्लादेश में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यहां अल्पसंख्यकों के साथ जो बर्बरता हो रही है उसे पूरी दुनिया देख रही है। हिंदुओं की आस्था पर लगातार चोट की जा रही है। बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ है। हमलावरों ने एक नहीं बल्कि तीन-तीन मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ी गई है। घटना के बाद हिंदू समुदाय आक्रोश में हैं।
बांग्लादेश के शकौर इलाके में गुरुवार रात को तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। इस हमले में 7 से 8 की संख्या में देवी-देवता की मूर्तियों को तोड़ा गया है। मैमनसिंह और दिनाजपुर इलाके में हिंदू मंदिरों में मूर्तियों में तोड़फोड़ की गई है। घटना के बाद बांग्लादेश में एक बार फिर हालत बिगड़ गए हैं।
पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार
घटना के बाद बांग्लादेश में हिंदू संगठन आक्रोश में है। घटना के विरोध में अलग जगहों पर प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान 37 साल के अजहरुल के रूप में हुई है। मामले में कई और हमलावरों की भी संलिप्ता है जिनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।
पहले भी हिंदू मंदिरों में हुए हमले
यह पहला मौका नहीं है जब बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है। यूसुफ सरकार के शासनकाल में यहां मंदिरों और अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बीते दिनों इस्कॉन के पूर्व पुजारी चिन्मय दास को भी ढाका से गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तार के विरोध में पूरे बांग्लादेश में हिंदू संगठन सड़कों पर उतरा था। प्रदर्शनकारियों पर भी पुलिस ने हमला किया था।
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इस्कॉन के गवर्निंग बॉडी कमिश्नर ने जताई चिंता
बांग्लादेश के मुद्दे पर इस्कॉन के गवर्निंग बॉडी कमिश्नर (जीबीसी) गौरांग दास कहते हैं, "इस्कॉन बांग्लादेश की इस स्थिति को लेकर बहुत चिंतित है और हम सभी हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम बांग्लादेश सरकार और वहां के सभी अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे सभी नागरिकों, विशेषकर अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा प्रदान करें। हमारे सभी मंदिर जहां सभी नागरिक स्वेच्छा से अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना करते हैं, उन मंदिरों की रक्षा की जानी चाहिए।
पूजा स्थलों की रक्षा होनी चाहिए
गौरांग दास ने आगे कहा कि भगवान की मूर्तियों की रक्षा की जानी चाहिए और उनके भक्तों की भी रक्षा की जानी चाहिए। हम बांग्लादेश सरकार से यह भी अनुरोध करते हैं कि सभी अल्पसंख्यकों को, चाहे वे हिंदू हों, बौद्ध हों, ईसाई हों, उन्हें अपनी धार्मिक स्वतंत्रता को अपनाने और उसका पालन करने का अधिकार दिया जाना चाहिए और उनके सभी पूजा स्थलों की रक्षा की जानी चाहिए।"
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 21 December 2024 at 13:55 IST