अपडेटेड 26 December 2024 at 09:34 IST
बांग्लादेश में बेघर कर दिए कई परिवार; क्रिसमस से पहले की रात प्रार्थना में व्यस्त थे लोग, लगा दी गई 17 घरों में आग
Bangladesh News: बांग्लादेश में ईसाई समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर 17 घर फूंक दिए गए।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Bangladesh News: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रुक नहीं रहे हैं। इस बार ईसाई समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बंदरबन के लामा उपजिला के सराय यूनियन में ईसाई त्रिपुरा समुदाय के करीब 17 घरों में कथित तौर पर आग लगा दी गई। आगजनी की घटना में प्रार्थना और क्रिसमस मनाने के लिए पास के गांव गए निवासी बेघर और तबाह हो गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमला 25 दिसंबर की देर रात हुआ, जब गांव के निवासी प्रार्थना के लिए पड़ोसी गांव गए हुए थे, क्योंकि उनके गांव में कोई चर्च नहीं है। मंगलवार रात करीब 1 बजे जब ये परिवार क्रिसमस की प्रार्थना के लिए टोंगजिरी पारा के एक चर्च में थे, तभी अज्ञात लोगों ने उनके अस्थायी घरों में आग लगा दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के 19 में से 17 घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए।
जमीन को लेकर है पूरा विवाद
पीड़ितों में से एक गुंगामणि त्रिपुरा ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे घर पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं। कुछ भी नहीं बचा पाए। ग्रामीणों पर उन लोगों की तरफ से जमीन हड़पने का आरोप लगाया जाता रहा है, जिन्होंने पहले उन्हें हटाकर गांव में बसा दिया था। लामा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर (जांच) मोहम्मद इनामुल हक भुइयां ने कहा कि 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार गिरने के बाद सुदूर इलाके में जमीन हड़पने की शिकायतें और जवाबी शिकायतें मिल रही हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना के संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है और शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर पीड़ित परिवार
बताया जाता है कि पीड़ित परिवार कई पीढ़ियों से टोंगझिरी त्रिपुरा पारा इलाके में रह रहे हैं। आरोप है कि कुछ साल पहले इन लोगों को जबरन उनके घरों से हटा दिया गया था, जब कुछ लोगों ने दावा किया था कि ये इलाका एक पुलिस अधिकारी की पत्नी को पट्टे पर दिया गया था और उन्होंने वहां पेड़ लगाए थे। हालांकि, अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद वो गांव वापस आ गए और अस्थायी घरों में रहने लगे। हालांकि अभी हमले के बाद पीड़ित लोग अब खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 26 December 2024 at 09:34 IST