अपडेटेड 5 April 2025 at 21:50 IST

'प्राइवेट पार्ट पकड़ो, कुत्ते के जैसे पानी पियो', टारगेट पूरा ना करने पर कर्मचारियों को पट्टा बांधकर कुत्ते की तरह घुमाया

Kochi news: कुछ कर्मचारियों की गर्दन में बेल्ट बांधकर उन्हें कुत्ते की तरह घुमाया जा रहा है। कुत्ते के जैसे ही बर्तन में पानी पीने के लिए मजबूर किया गया।

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Kochi Hindustan Power Link Target employee workplace harassment
टारगेट पूरा ना करने पर कर्मचारियों को पट्टा बांधकर कुत्ते की तरह घुमाया | Image: X/gohil_giri98466

Workplace harassment : किसी भी कर्मचारी के साथ क्रूरता की हद क्या हो सकती है? केरल के कोच्चि में वो तमाम हदें खत्म हो गई। क्रूरता की सीमाएं लांघते हुए एक मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्तान पावरलिंक्स ने अपने कर्मचारी के साथ ऐसा क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया कि जो पहले कभी नहीं हुआ। इस कंपनी ने टारगेट के नाम पर अपने कर्मचारियों के साथ बेहद ही अमानवीय कार्रवाई की गई। जिसका अब वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं, जिसमें कर्मचारियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।

आरोप है कि कंपनी में टारगेट पूरा नहीं करने वाले कर्मचारियों को शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद प्रताड़ित किया जाता है। सामने आई तस्वीरों में कुछ कर्मचारियों की गर्दन में बेल्ट बांधकर उन्हें कुत्ते की तरह रेंगने को मजबूर किया जा रहा है। कुत्ते तरह ही बर्तन में पानी पिलाया जा रहा है और सड़े-गले फल जमीन से उठाकर चाटने के लिए भी बाध्य किया गया।

प्राइवेट पार्ट पकड़ने के लिए मजबूर

वायरल हो रही वीडियो और फोटोज मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्तान पावरलिंक्स के कलूर जनता रोड स्थित एक शाखा की हैं। कुछ कर्मचारियों की गर्दन में बेल्ट बांधकर उन्हें प्लोर पर कुत्ते की तरह घुमाया जा रहा है। कुत्ते के जैसे ही बर्तन में पानी पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पीड़ित कर्मचारियों की गलती सिर्फ इतनी है कि वो तमाम कोशिशों के बाद भी टारगेट पूरा नहीं कर पाते हैं। आरोप है कि कमरे में लोगों की बीच कर्मचारियों को पैंट उतारकर एक-दूसरे के प्राइवेट पार्ट पकड़ने के लिए मजबूर करते हैं। झूठा फल, फर्श पर पड़े सिक्के चाटने और कुत्ते की तरह पेशाब करने का दबाव बनाकर अपमानित किया जाता है।

रोककर रखते हैं सैलरी

आरोप है कि शुरू के 6 महीने कर्मचारियों का उत्पीड़न कम होता है। काम की शुरुआत में अगर कर्मचारी अपना टारगेट पूरा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें रुकने के लिए कहा जाता है और प्रेरित किया जाता है। सपना दिखाया जाता है कि 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें मैनेजर बनाया जाएगा। अपना शोषण होने के बाद भी कर्मचारी इसलिए नौकरी नहीं छोड़ पाते, क्योंकि उनका वेतन रोककर रखा जाता है। कर्मचारियों को पहले बताया जाता है कि कोई टारगेट नहीं है। एक महीने बाद टारगेट दिया जाता है। अगर आप टारगेट पूरा नहीं कर पाते हैं तो शुरुआती महीनों में कम यातनाएं दी जाती है। कर्मचारियों को कहा जाता है कि अपनी पैंट उतारो और सिक्का जीभ से चाटने के लिए कहा जाता है। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 5 April 2025 at 21:27 IST