करगिल युद्ध में 18 साल के ग्रेनेडियर उदयमान सिंह शहीद हो गए थे। आज भी उनकी मां अपने बेटे से आखिरी बातचीत को याद करके रो पड़ती हैं। करगिल युद्ध छिड़ने पर जब उनकी मां ने लौटने को कहा था तो वह बोले थे दुश्मन की गोली पीठ पर नहीं, सीने पर खानी है।अपने शहीद बेटे को याद करते हुए रो पड़ीं कांता