राष्ट्रपित द्रौपदी मूर्मु ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है' 'यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है' 'जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब... 'लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा' 'लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी' 'स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले...'हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैंट 'भारत तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल'