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Published Oct 5, 2024 at 5:33 PM IST

Shahiid Malakhan Singh: ना कांधे को बेटा, ना आंसू बहाने को पत्नी: 56 साल बाद तिरंगे में लौटे मलखान

हमारे साथ जुड़ें और एक ऐसे परिवार की दिल दहला देने वाली कहानी जानें, जिसने दशकों तक अपने अंतिम निर्णय का इंतज़ार किया और एक सच्चे नायक की विरासत का सम्मान किया। उसके परिवार की दिल को छू लेने वाली प्रतिक्रियाएँ, उसके बलिदान का महत्व और उसकी कहानी का उस गाँव पर पड़ने वाला असर देखें, जो अपने बहादुर बेटे को याद करता है।

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