बावड़ी से कुछ दूरी पर जो बांके बिहारी का मंदिर है इसमें जब पुजारी पूजा पाठ करते थे तो एक पुजारी की यहां पर निर्माण तरीके से हत्या कर दी गई थी और सत्य के बाद यहां की सरकारों ने यहां की प्रशासन में उसे पर कोई भी संज्ञा नहीं लिया क्योंकि उसे समय भाजपा की सरकार नहीं हुआ करते थे और जब पुजारी