रुद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ बसुकेदार क्षेत्र से आने वाले अतुल का जीवन अभावों से भरा रहा है। आर्थिक तंगी, बीमार पिता और सीमित संसाधनों के बावजूद उसने कभी हिम्मत नहीं हारी। गर्मियों में जब हजारों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकलते हैं, तो अतुल भी घोड़े-खच्चर पर उन्हें धाम तक पहुंचा