अपडेटेड 28 December 2025 at 13:05 IST

कौन हैं Forbes की लिस्ट में शामिल होने वाली कल्याणी रामादुर्गम? Apple को आतंकवाद से लड़ने में मदद कर बटोरी सुर्खियां

भारतीय मूल की टेक प्रोफेशन कल्याणी रामादुर्गम Forbes की लिस्ट में शामिल होकर दुनियाभर में भारत का परचम लहराया है। आईए जानते हैं कल्याणी की उपलब्धियों के बारे में

Kalyani Ramadurgam
Kalyani Ramadurgam | Image: Social Media

भारतीय मूल की टेक प्रोफेशन कल्याणी रामादुर्गम की चर्चा इन दिनों हर तरफ हो रही है। अमेरिकी मैगजीन फोर्ब्स की प्रतिष्ठित  30 Under 30 United States 2026 में शामिल होकर कल्याणी ने भारत का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार ही पूरे देश को गर्व है। ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर कल्याणी रामादुर्गम को काफी सर्च कर रहे हैं। तो हम आपको बताते हैं दुनियाभर में भारत का परचम लहराने वाली कौन है कल्याणी रामादुर्गम।

कल्याणी रामादुर्गम भारतीय मूल की एक टेक प्रोफेशनल हैं, जिन्होंने कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया। कोबाल्ट लैब्स की भारतीय मूल की को-फाउंडर, पूर्व Affirm सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशी अग्रवाल के साथ, कल्याणी भी फाइनेंस कैटेगरी में 2026 के लिए फोर्ब्स 30-अंडर-30 यूनाइटेड स्टेट्स लिस्ट में शामिल हुई हैं। वह फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करती हैं।

कल्याणी ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई 

कल्याणी ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में उनकी गहरी दिलचस्पी हो गई। उनकी पढ़ाई ने उन्हें डेटा, सॉफ्टवेयर सिस्टम और ऑटोमेशन के साथ काम करने के लिए जरूरी बेसिक टेक्निकल स्किल्स दिए। समय के साथ, उन्होंने सिर्फ फॉर्मल एजुकेशन के बजाय काम के अनुभव से सीखना जारी रखा। कल्याणी ने ऐप्पल जैसी दिग्गज कंपनी में काम करने के बाद अपना स्टार्टअप शुरू किया और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से वित्तीय क्षेत्र में कंप्लायंस और रिस्क मैनेजमेंट को क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।

Apple को आतंकवाद से लड़ने में की मदद

कल्याणी रामादुर्गम का Apple जैसी कंपनी में रोल बहुत संवेदनशील था, जो आतंकवादी नेटवर्क द्वारा Apple Pay के दुरुपयोग को रोकने पर केंद्रित था। इसमें आतंकवादियों को Apple Pay का इस्तेमाल करने से रोकना भी शामिल था। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने देखा कि Apple जैसी बड़ी कंपनी में भी, धीमे, मैनुअल और पुराने प्रोसेस के कारण कंप्लायंस सिस्टम में रिस्क था।

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Apple में काम करते समय कल्याणी ने देखा कि ज्यादातर कंप्लायंस का काम धीमा था और मैनुअल चेकिंग पर बहुत ज्यादा निर्भर था। बड़ी कंपनियां भी डॉक्यूमेंट्स की समीक्षा करने और जोखिम को मैनेज करने के लिए पुराने तरीकों का इस्तेमाल कर रही थीं। इससे कंप्लायंस संभालने वाली टीमों के लिए यह प्रोसेस समय लेने वाला और तनावपूर्ण हो गया था। इन समस्याओं को करीब से देखने के बाद कल्याणी ने बेहतर समाधानों के बारे में सोचा।

कोबाल्ट लैब्स की बनी को-फाउंडर

कल्याणी को एहसास हुआ कि AI की मदद से कई कंप्लायंस कामों को तेजी लाया जा सकता है। इसी विचार ने उन्हें कोबाल्ट लैब्स की सह-स्थापना करने के लिए प्रेरित किया, जो एक ऐसा स्टार्टअप है जो फाइनेंशियल कंपनियों के जोखिम और कंप्लायंस को मैनेज करने के तरीके को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। कंपनी ऐसे टूल्स बनाती है जो बैंकों और फिनटेक फर्मों को AI का इस्तेमाल करके पॉलिसी, कॉन्ट्रैक्ट और अन्य डॉक्यूमेंट्स की समीक्षा करने में मदद करते हैं। जो काम पहले कई दिन या हफ्ते लगते थे, अब वह बहुत तेजी से किया जा सकता है।
 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 28 December 2025 at 13:05 IST