अपडेटेड 25 July 2025 at 12:29 IST

Republic AI Pre-Summit 2025: 'हमारे पास राष्ट्रवादी AI होना चाहिए', अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक एआई प्री-समिट 2025 में उठाई मांग

टेक्नोलॉजी, शासन, उद्यम और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों के ऐतिहासिक संगम को चिह्नित करते हुए अर्नब गोस्वामी ने एक "मौलिक प्रश्न" उठाया - क्या भारत एक वैश्विक AI का निर्माण कर सकता है जो विशिष्ट रूप से भारतीय हो?

 Republic AI Pre-Summit 2025
रिपब्लिक एआई प्री-समिट 2025 | Image: REPUBLIC

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के नोएडा स्थित हेडक्वाटर में शुक्रवार सुबह जब एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक एआई प्री-समिट 2025 का स्पीच के साथ उद्घाटन किया, तो ऑडिटोरियम में एक महत्वपूर्ण प्रश्न गूंज उठा: "क्या हमारी एआई लीप भारतीय होगी?"

प्रौद्योगिकी, शासन, उद्यम और शिक्षा जगत के दिग्गजों के ऐतिहासिक संगम को चिह्नित करते हुए, गोस्वामी ने एक "मौलिक प्रश्न" उठाया - क्या भारत एक ऐसा वैश्विक एआई बना सकता है जो खास तौर से भारतीय हो? AI में ग्लोबल पॉवर प्लेयर्स का हवाला देते हुए, अर्नब गोस्वामी ने कहा, "चीनी एआई मशीनें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की तरह सोचती हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कल अमेरिका के एआई मिशन की शुरुआत की। हमारे पास राष्ट्रवादी एआई होना चाहिए।"

यह शिखर सम्मेलन भारत में एआई क्रांति की नींव रख रहा है। अर्नब गोस्वामी के अनुसार, भारत के पास बाकी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए चार साल हैं, और उन्होंने देश से अपनी एआई आकांक्षाओं के प्रति यथार्थवादी और महत्वाकांक्षी होने का आग्रह किया।

क्या हमारे पास भारतीय एआई मॉडल हो सकता है?

अर्नब गोस्वामी ने अपनी स्पीच में समिट से जुड़े लोगों को संबोधित किया, जिनमें से कई कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के छात्र और युवा शामिल थे, और उन्होंने एक स्पष्ट चुनौती देते हुए पूछा, "क्या हमारे पास विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारतीय एआई मॉडल हो सकता है?"

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उन्होंने पूछा, "इस कमरे में ऐसे लोग हैं जो अविश्वसनीय रूप से नवोन्मेषी हैं। आप में से कई लोग कंप्यूटर पृष्ठभूमि से हैं। इसलिए, आज हमें खुद से एक बहुत ही वास्तविक प्रश्न पूछना चाहिए- क्या हम एआई का एक ऐसा भारतीय प्रोटोटाइप बना सकते हैं जो बाकी दुनिया पर निर्भर न हो? मेरा मानना है कि हम ऐसा कर सकते हैं।"

अर्नब गोस्वामी ने इस बात पर जोर दिया कि टारगेट सिर्फ एआई क्रांति में हिस्सा लेना नहीं है, बल्कि भारतीय मानकों पर इसका नेतृत्व करना है। उन्होंने इस मिशन में तेजी लाने का आग्रह करते हुए कहा, “हमें एआई की दौड़ में चीन और अमेरिका के साथ कदम मिलाना है—और हमें यह बहुत तेजी से करना होगा। भारत के एलएलएम (बड़े भाषा मॉडल) हमेशा ज्यादा प्रामाणिक रहेंगे।"

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 25 July 2025 at 12:21 IST