अपडेटेड 1 March 2023 at 08:44 IST

परमाणु बम से भी हजारों गुना ताकतवर है हाइड्रोजन बम, अमेरिका ने आज के दिन ही किया था टेस्ट

आज के ही दिन यानि 1 मार्च को, साल 1954 में अमेरिका ने हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) का परीक्षण किया था।

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Hydrogen Bomb: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine) के आज 1 साल 5 दिन पूरे हो रहे हैं। लेकिन इसकी हम आज चर्चा क्यों कर रहे हैं? दरअसल ये दिन इतिहास में रूस-यूक्रेन युद्ध के 1 साल 5वें दिन नहीं बल्कि दुनिया के सबसे खतरनाक बम के लिए याद किया जाता है। आज के ही दिन यानि 1 मार्च को, साल 1954 में अमेरिका ने हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) का परीक्षण किया था। 

1 मार्च 1954 को अमेरिका ने अपना पूरा ध्यान अपनी ओर खींचा था। देश ने दुनिया के सबसे खतरनाक बम का परीक्षण किया था। ऐसा बम जो कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका की ओर से जापान के हिरोशिमा और नागासाकी को नष्ट करने वाले बम से कई हजार गुना शक्तिशाली था। 

कितनी होती है ताकत?

हाइड्रोजन बम, जिस H बम या थर्मोन्यूक्लियर बम (Thermonuclear Bomb) भी कहा जाता है। इस बम को बनाने का क्रेडिट एनरिको फर्मी को दिया जाता है। हाइड्रोजन बम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लास्ट के बाद बम के प्रेशर से उत्पन्न हवा ही किसी इंसान को कई किमी तक फेंकने में सक्षम होती है। इसके साथ ही यह साइज में इतना छोटा होता है कि किसी भी मिसाइल में इसे फिट कर ब्लास्ट किया जा सकता है।

क्या होता है हाइड्रोजन बम?

हाइड्रोजन बम सूर्य की शक्ति का उपयोग करता है। यह बम न्यूक्लियर पावर प्लांट की तरह, एटॉमिक बम या एटम के नाभिकिया विखंडन पर काम करता है। जैसे सूर्य की उर्जा का प्रयोग करते हुए कई तारे लाइट उत्पन्न करते हैं, ठीक वैसे ही हाइड्रोजन बम भी काम करते है। एक हाइड्रोजन बम परमाणु विखंडन बम में ब्लास्ट होता है और बदले में दूसरे पार्ट में हाइड्रोजन आइसोटोप का फ्यूजन होता है।

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हाइड्रोजन बम किन देशों के पास है?

हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण के बाद कई अन्य देशों ने भी इसे बनाने की बात सोची। इसके बाद 30 अक्टूबर 1961 को सोवियत यूनियन ने इस खतरनाक बम का परीक्षण किया। आज के समय में आधिकारिक तौर पर भारत के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, पाकिस्तान और इजराइल के पास हाइड्रोजन बम है। भारत ने इस बम का परीक्षण 1998 में किया था। पिछले कुछ सालों में नॉर्थ कोरिया ने भी इस बम का कई बार परीक्षण किया है।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 1 March 2023 at 08:40 IST