अपडेटेड 3 December 2022 at 15:49 IST

Antarctica में दिखी बड़ी घटना, 10 फुटबाल फील्ड्स के बराबर ग्लेशियर टूटा; देखें VIDEO

अंटार्कटिका (Antarctica) से एक बड़ी खबर सामने आई है, रिसर्चर्स ने एक वीडियो जारी किया है, जहां विलियम ग्लेशियर (William Glacier) हजार टुकड़ों में टूट गया।

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PC: YT/@European Space Agency | Image: self

अंटार्कटिका (Antarctica) से एक बड़ी खबर सामने आई है, रिसर्चर्स ने एक वीडियो जारी किया है, जहां विलियम ग्लेशियर (William Glacier) हजार टुकड़ों में टूट गया। इस रिसर्च के पेपर को साइंस एडवांसेज जर्नल (Science Advances Advances Journal) में पब्लिश किया गया है। रिसर्चर्स का मानना है कि इस घटना से समुद्र की सतह पर आंतरिक सुनामी (Tsunami) को ट्रिगर करने वाली जोरदार आंतरिक लहरें पैदा होने की संभावना है।

बताते चलें कि, यह घटना दो साल पहले हुई थी, इसके सर्वे के रिजल्ट अब जारी किए गए हैं। घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, यह तब हुई जब ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के आरआरएस जेम्स क्लार्क रॉस की रिसर्च शिप पर सवार टीम अंटार्कटिक प्रायद्वीप से समुद्र का माप ले रही थी।

हर साल, विलियम ग्लेशियर में आम तौर पर कम से कम दो बार बर्फ के टुकड़े टूटते हैं। टीम ने अपनी रिसर्च में बताया कि ग्लेशियर का अगला हिस्सा समुद्र तल से 40 मीटर ऊपर है। यह पाया गया कि इस घटना से लगभग 78,000 वर्ग मीटर बर्फ टूट गई, जो 10 फुटबॉल फील्डस के बराबर है। पता चला है कि ग्लेशियर के टूटने से पहले, 50-100 मीटर की गहराई पर समुद्र का पानी गर्म था। यह देखा गया कि अलग-अलग गहराईयों में तापमान में बदलाव देखा गया।

रिसर्च करने वाले स्पेशलिस्ट ने दावा किया है कि, समुद्र में आने वाली आंतरिक सूनामी लहरों के कई महत्वपूर्ण कारक हैं। ये सभी समुद्री जीवन को प्रभावित करते हैं, अलग-अलग गहराई पर तापमान बदलते हैं और समुद्र में बर्फ के और पिघलने का कारण बनते हैं। रिसर्चर्स ने जिस डाटा का उपयोग कर इस सर्वे को पूरा किया है, उसे यूरोप के कॉपरनिकस सेंटिनल -1 उपग्रह से लिया गया था, जब जहाज इस ग्लेशियर के पास था और रडार ने तस्वीर खींच ली।

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रिसर्च पेपर के प्रमुख लेखक माइकल मेरेडिथ ने कहा,

"यह देखना ऐतिहासिक पल था। हम भाग्यशाली थे कि हम सही समय पर सही जगह पर थे। बहुत सारे ग्लेशियर्स टूटते हैं और समुद्र में जाकर मिल जाते हैं। उनके आईसबर्ग्स वहां रह जाते हैं। यह उपरी सतह की बड़ी लहरें पैदा कर सकता है, लेकिन अब हम जानते हैं कि यह समुद्र के अंदर भी लहरें पैदा करता है। ये आंतरिक तरंगें समुद्र को मिलाने का कारण बनती हैं, और इससे समुद्र में जीवन प्रभावित होता है, यह अलग-अलग गहराई पर कितना गर्म होता है और यह कितनी बर्फ पिघला सकता है।"

भूस्खलन के कारण कुछ स्थानों पर इंटरनल सूनामी देखी गई है, और किसी ने ध्यान नहीं दिया था कि यह घटना अंटार्कटिका के आसपास हो रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियर वाले अन्य स्थान भी प्रभावित होने की संभावना है, जिसमें ग्रीनलैंड और आर्कटिक में कहीं और शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर के ग्लेशियर धीरे-धीरे पिघल रहे हैं।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 3 December 2022 at 15:38 IST