अपडेटेड 18 June 2024 at 16:49 IST

मोदी सरकार संसद में लाएगी डीपफेक कंटेंट की जांच का बिल! सभी दलों से करेगी चर्चा

डीपफेक ट्रेंड में है। गलत वजहों से। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी माना था कि ये खतरनाक है चर्चा जोरों पर है कि सरकार इस

Deep fakes
डीपफेक वीडियो पर सरकार लाएगी बिल | Image: Unsplash

Deepfake Bill:  रश्मिका मंदाना, अमित शाह, सचिन तेंदुलकर ये ऐसे शख्सियतों के नाम हैं जिनके नाम पर डीपफेक किया गया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जनरेट किए वीडियो ने फैन्स को, फॉलोअर्स को तो झटका दिया ही साथ ही तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए।

खबर है कि केंद्र की मोदी सरकार एआई डीपफेक वीडियोज और अन्य खतरनाक और फेक ऑनलाइन कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए संसद सत्र में बिल पेश कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसे डिजिटल इंडिया बिल नाम दिया जा सकता है। कानून आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग करने के बेहतर तरीके भी खोजेगा। कहा जा रहा है कि सरकार पेश करने से पहले बिल पर एक क्रॉस-पार्टी सहमति प्राप्त करने की भी कोशिश होगी।

दायरे में और क्या- क्या?

18 वीं लोकसभा के संसद सत्र में यूट्यूब समेत विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों पर वीडियो को रेग्युलेट करने के लिए भी कानून गढ़ा जाएगा। नई लोकसभा का पहला सत्र  24 जून से 3 जुलाई के बीच होगा। इसके बाद मानसून सत्र 22 जुलाई से प्रारंभ होकर संभवतः 9 अगस्त तक चलेगा।

पीएम ने भी जताई थी चिंता

PM नरेंद्र मोदी खुद इस नई तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर फिक्रमंद है।  28 मार्च को माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स को दिए एक साक्षात्कार में डीपफेक वीडियो से होने वाले खतरे पर बात की थी। मोदी ने कहा था- AI अच्छी चीज है, लेकिन अगर यह सही ट्रेनिंग के बिना किसी को दिया जाता है तो इसका दुरुपयोग होने की आशंका है...भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई भी डीपफेक का इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए AI जनेरेटेड कंटेंट्स पर वाटरमार्क होना चाहिए, ताकि लोगों को पता चले कि यह AI जनेरेटेड है। इससे कोई गुमराह नहीं होगा।

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मंत्री ने दिए थे नियमों को लेकर संकेत

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री रहे राजीव चंद्रशेखर ने पिछले साल ही इस विधेयक को लेकर संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि इसे अगली सरकार द्वारा अधिनियमित और क्रियान्वित किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके अनुसार जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नए नियमों का उल्लंघन करेगा, उसका भारत में बिजनेस रोक दिया जाएगा।

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IT मंत्रालय ने बताया था कि 17 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के बीच दो मीटिंग हुई। इसमें तय हुआ था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डीपफेक कंटेंट को AI से फिल्टर करने का काम करेंगे। डीपफेक कंटेंट डालने वालों पर IPC की धाराओं और IT एक्ट के तहत केस दर्ज होंगे।

डीपफेक आखिर है क्या?

यूं तो भारत में डीपफेक के बारे में एक डेढ़ साल से ज्यादा बहस हो रही है। ऐसी तकनीक है जिसने फेक यानि नकली और गुमराह करने वाले कंटेंट को क्रिएट किया जाता है। आवाज, एक्सप्रेशन और लुक ऐसा रचा जाता है कि एकबारगी वीडियोज को देख कर अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि ये रियल है या फेक।

इसका प्रयोग गलत या झूठी जानकारी का प्रसार करने के लिए किया जाता है। ज्यादातर हाईप्रोफाइल शख्सियतों को टारगेट किया जाता है। जिसे सीधे तौर पर उनकी निजता पर प्रहार माना जा सकता है।  

4 डीपफेक वीडियो जिसने देश में मचा दिया हल्ला

अमित शाह- लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान ही (अप्रैल में) केंद्रीय गृहमंत्री का डीपफेक वीडियो सर्कुलेट हुआ था। इसमें जो उन्होंने मंच से कहा उससे ठीक उलट बात कही गई थी।  मुंबई पुलिस नेडीपफेक वीडियो शेयर करने के आरोप में महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल और 16 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

रश्मिका मंदाना- नवंबर 2023 में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो पर वायरल हआ था, इसमें AI तकनीक से एक इन्फ्लूएंसर के चेहरे पर एक्टर रश्मिका का चेहरा चस्पा किया गया था।

सचिन तेंदुलकर- जनवरी 2024 में ही मास्टर ब्लास्टर रहे और लाखों भारतीयों के क्रिकेट के भगवान रहे सचिन तेंदुलकर का डीपफेक सामने आया। इसमें वो एक गेमिंग एप को प्रमोट करते दिखाए गए।

आलिया भट्ट- 15 जून को  आलिया भट्ट का भी डीपफेक वीडियो सरफेस हुआ। जिसमें एक्टर को मेकअप करते और ब्लैक कुर्ते में तैयार होते दिखाया गया है।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 18 June 2024 at 16:42 IST