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Published 14:47 IST, October 18th 2024

कोच श्रीजेश की देखरेख में भारतीय जूनियर टीम सुल्तान जोहोर कप में जापान के खिलाफ करेगी आगाज

कप्तान आमिर अली ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘टीम नए मुख्य कोच पीआर श्रीजेश के नेतृत्व में अच्छी ट्रेनिंग कर रही है।

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PR Sreejesh
Under coach Sreejesh Indian junior hockey team debut against Japan in the Sultan of Johor Cup | Image: AP

दो बार के ओलंपिक पदक विजेता दिग्गज पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh) को भारत के नए जूनियर पुरुष हॉकी कोच के रूप में अपनी पहली बड़ी परीक्षा का सामना शनिवार को यहां जापान के खिलाफ करना पड़ेगा, जब अंडर-21 टीम 12वें सुल्तान जोहोर कप में अपने अभियान का आगाज करेगी।

इस 36 वर्षीय पूर्व गोलकीपर ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम के कांस्य जीतने के बाद खिलाड़ी के तौर पर खेल को अलविदा कह दिया था। उन्होंने इसके तुरंत बाद जूनियर टीम की बागडोर संभाली जो सुल्तान जोहोर कम में चौथी बार चैम्पियन बनने के इरादे से मैदान में उतर रही है। भारत ने मई 2023 में जूनियर एशिया कप में अपने आखिरी मुकाबले में जापान पर 3-1 से जीत हासिल की और 2022 के सुल्तान जोहोर कप में भी इस टीम को 5-1 से हराया था।

कप्तान आमिर अली ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘टीम नए मुख्य कोच पीआर श्रीजेश के नेतृत्व में अच्छी ट्रेनिंग कर रही है और हम उनके साथ अपना पहला टूर्नामेंट खेलने के लिए उत्साहित हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार जर्मनी से हारने के बाद, हम अपने खिताब का बचाव नहीं कर सके थे। इस बार हमारी तैयारी अच्छी है और हम प्रतियोगिता में किसी भी टीम से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।’’

भारतीय टीम 2013, 2014 और 2022 में इस खिताब को जीत चुकी है। टीम इस स्पर्धा में चार बार दूसरे स्थान पर भी रही है। जापान के बाद भारतीय टीम 20 अक्टूबर को ग्रेट ब्रिटेन, 22 अक्टूबर को मेजबान मलेशिया और फिर 23 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया से खेलेगी।

भारत ग्रुप चरण में 25 अक्टूबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेलेगा। लीग चरण में शीर्ष दो स्थान पर रहने वाली टीमें 26 अक्टूबर को फाइनल में भिड़ेंगी। भारतीय उपकप्तान रोहित ने कहा, ‘‘हम सुल्तान जोहोर कप से पहले सर्वश्रेष्ठ स्थिति में पहुंचने के लिए पिछले कुछ दिनों से कड़ा अभ्यास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार टीम में कई नए खिलाड़ी हैं जो मैदान पर अपनी क्षमता दिखाने के लिए उत्साहित हैं। सभी खिलाड़ी अपने खेल में सुधार के साथ एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमारी नजरें इस प्रतियोगिता के साथ नवंबर में मस्कट में खेले जाने वाले जूनियर पुरुष एशिया कप पर भी हैं।’’

पेरिस भारतीय टीम को पदक दिलाने में अहम योगदान निभाने के बाद श्रीजेश ने कहा था कि वह हमेशा से कोचिंग की महत्वाकांक्षा रखते थे और युवा पीढ़ी के खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर भारतीय हॉकी के राहुल द्रविड़ बनना चाहते थे। सीनियर टीम के कोच के रूप में काम करने से पहले द्रविड़ ने काफी समय तक अंडर-19 खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दिया था।

Updated 14:47 IST, October 18th 2024