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Published 20:18 IST, September 28th 2024

एआईटीए अध्यक्ष के खिलाफ प्रदेश संघों ने अविश्वास प्रस्ताव वापिस लिया

राज्य संघों ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के निवर्तमान अध्यक्ष अनिल जैन के खिलाफ प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव को शनिवार को वापस ले लिया।

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 State unions withdraw no-confidence motion against AITA President
State unions withdraw no-confidence motion against AITA President | Image: X

राज्य संघों ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के निवर्तमान अध्यक्ष अनिल जैन के खिलाफ प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव को शनिवार को वापस ले लिया। एआईटीए से मान्यता प्राप्त आठ प्रदेश टेनिस संघों ने जैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था । इसके लिये शनिवार को आमसभा की असाधारण (ईजीएम) बैठक बुलाई गई थी ।

एआईटीए के निवर्तमान महासचिव अनिल धूपर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘राज्य संघों ने आज सुबह बताया कि वे इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहते है। इसलिए ईजीएम की जरूरत नहीं है।’’

प्रस्ताव वापस लिये जाने का कारण पूछने पर धूपर ने कहा, ‘‘मैं इसमें पक्षकार नहीं था। मैं महासचिव के रूप में नोटिस भेजकर अपना कर्तव्य निभा रहा था।’’

भाजपा के राज्यसभा सांसद जैन पर आरोप है कि उन्होंने परिवार के साथ कई बार विदेश यात्राओं का निजी खर्च महासंघ के खर्चों में डाल दिया है । जैन शनिवार को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान आयोजित एआईटीए चुनावों में प्रतियोगी नहीं थे।

राज्य संघों ने लिया था अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला 

असम, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और त्रिपुरा प्रदेश संघों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था । अविश्वास प्रस्ताव का प्रस्ताव देने वाले राज्य संघ के एक सदस्य ने कहा कि इसे वापस लेने का फैसला ‘देश के व्यापक हित में’ लिया गया था।

राज्य संघों ने वापस लिया अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला 

इस सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि पर बुरा असर पड़ सकता था। वैसे भी अब उनका कार्यकाल खत्म हो गया है और वह एआईटीए अध्यक्ष नहीं रहे। इसलिए हमने इसे वापस ले लिया।’’

राज्य संघों में से एक ने जैन पर व्यक्तिगत लाभ के लिए एआईटीए में अपने पद का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। जैन ने इस पर रोक लगाने के लिये अदालत की शरण ली थी लेकिन उनकी याचिका स्वीकार नहीं की गई । उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि विभिन्न पदों के लिये नामांकन दाखिल करने वाले कई उम्मीदवारों ने खेल कोड का उल्लंघन किया था।

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Updated 20:18 IST, September 28th 2024