अपडेटेड 25 September 2024 at 17:29 IST

बाजियों के नतीजों से प्रभावित नहीं होने से मदद मिली : अर्जुन एरिगेसी

भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी ने खुलासा किया कि एक समय पर वह अपनी ही उम्मीदों के बोझ से दबे हुए थे जिस कारण काफी निराशा के दौर से गुजर रहे थे लेकिन फिर उन्होंने अपनी बाजियों के नतीजों से खुद को अलग करना शुरू किया और आखिरकार इससे उन्हें सफलता मिलने लगी।

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Indian Chess grandmaster Arjun Erigaisi
Indian Chess grandmaster Arjun Erigaisi | Image: FIDE

Chess: भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी ने खुलासा किया कि एक समय पर वह अपनी ही उम्मीदों के बोझ से दबे हुए थे जिस कारण काफी निराशा के दौर से गुजर रहे थे लेकिन फिर उन्होंने अपनी बाजियों के नतीजों से खुद को अलग करना शुरू किया और आखिरकार इससे उन्हें सफलता मिलने लगी।

एरिगेसी के लिए यह साल काफी शानदार रहा है। उन्होंने हाल में ओलंपियाड में भारतीय पुरुष टीम के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई और व्यक्तिगत स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए 11 में से नौ बाजियां जीतीं।

उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें लाइव फिडे रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग हैं। हालांकि एक साल पहले चीजें इतनी आसान नहीं लग रही थीं क्योंकि एरिगेसी मुश्किल स्थिति से जूझ रहे थे। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि 2021 में मेरी रेटिंग काफी कम थी। मेरी रेटिंग लगभग 2500 थी। लेकिन मैं लगभग 2600 तक पहुंच सकता था। कुछ समय तक सब कुछ ठीक चल रहा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘फिर 2023 में मेरी रेटिंग लगभग 2700 थी। वो समय काफी कठिन था। मेरे जीवन में उतार-चढ़ाव आ रहे थे। कुछ उतार बहुत मुश्किल थे जिसमें कैंडिडेटस टूर्नामेंट से चूकना शामिल था तो 2023 बहुत मुश्किल था। ’’ एरिगेसी ने कहा, ‘‘फिर मैंने खुद को नतीजों से प्रभावित नहीं होने देने का फैसला किया। मैं कुछ हासिल करने के लिए खुद पर बहुत अधिक दबाव डाल रहा था। मुझे लगता है कि नतीजों से प्रभावित नहीं होने से मुझे मदद मिली। ’’

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 25 September 2024 at 17:29 IST