अपडेटेड 11 July 2024 at 21:21 IST
'बैडमिंटन से ज्यादा इस खेल में बेहतर कर सकती थी', पेरिस ओलंपिक से पहले साइना नेहवाल का खुलासा
पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा बैडमिंटन के बजाय टेनिस में अच्छा कर सकती थीं।
- खेल समाचार
- 3 min read

Paris Olympics 2024: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (Saina Nehwal) को लगता है कि अगर उन्होंने बैडमिंटन (Badminton) खेलने के बजाय टेनिस (Tennis) का रैकेट पकड़ा होता तो वो बतौर खिलाड़ी और बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती थीं।
बैडमिंटन खिलाड़ी के तौर पर भी साइना (Saina) ने काफी प्रभावित किया है जिसमें वह दुनिया में शीर्ष रैंकिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला शटलर बनीं और वह ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की पहली महिला एथलीट भी बनीं।
नेहवाल ने किया खुलासा
राष्ट्रपति भवन में ‘हर स्टोरी-माई स्टोरी’ बातचीत के दौरान साइना ने कहा-
Advertisement
कभी-कभार मुझे लगता है कि अगर मेरे माता पिता ने मुझे टेनिस में डाला होता तो अच्छा होता। इसमें ज्यादा पैसा है और मुझे लगता है कि मैं ज्यादा ताकतवर थी। मैं टेनिस में बैडमिंटन से बेहतर कर सकती थी।
साइना का नहीं था कोई आइडल
साइना ने काफी खिलाड़ियों को बैडमिंटन में आने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन जब उन्होंने 8 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था तो उनके लिए कोई आदर्श नहीं था। साइना ने कहा-
Advertisement
जब मैंने शुरूआत की थी तो मेरे लिए कोई आदर्श नहीं था। यह कहने के लिए कोई नहीं था, ‘मैं दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनना चाहती हूं या ओलंपिक पदक विजेता बनना चाहती हूं’। मुझसे पहले मैंने किसी को बैडमिंटन में ऐसा करते नहीं देखा था।
लंदन ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल के अलावा साइना ने विश्व चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज और सिल्वर मेडल जीते और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी कई गोल्ड मेडल जीते। उन्होंने कहा-
मैं हमेशा बच्चों को खेलों पर ध्यान लगाने के लिए कहती हूं। चीन 60-70 पदक जीतता है और हमें सिर्फ तीन चार पदक मिलते हैं। इतने सारे डॉक्टर और इंजीनियर होते हैं और उनके नाम अखबारों में नहीं आते। मैं विशेषकर लड़कियों से आगे आने के लिए कहूंगी कि वे फिट होना शुरू करें और खेलों में आयें। अब हम बच्चों के लिए मौजूद हैं, उनके लिए प्रेरणा के लिए दुनिया की नंबर एक, ओलंपिक चैम्पियन और इतनी सारी पदक विजेता हैं।
उन्होंने अपने करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी कड़ी मेहनत ने प्रतिभा की कमी की भरपाई की। साइना ने कहा-
मुझे कड़ी मेहनत करना पसंद है, मैं इतनी प्रतिभाशाली खिलाड़ी नहीं थी। मुझे काफी मेहनत करनी पड़ती थी। अगर कोई प्रतिभाशाली खिलाड़ी कोई चीज 100 बार करता था तो मुझे इसे 1000 दफा करना पड़ता था। लेकिन मुझे कड़ी मेहनत करना पसंद है। मेरे कोचों को मेरा कभी हार नहीं मानने वाला जज्बा पसंद है।
बता दें कि 2024 पेरिस ओलंपिक में अब बहुत कम समय बचा है। 26 जुलाई से ओलंपिक खेलों का आगाज हो रहा है, जिसके लिए भारतीय एथलीटों की तैयारियां जोरों पर हैं। कुछ दिन में एथलीट पेरिस रवाना भी हो जाएंगे।ॉ
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 11 July 2024 at 21:21 IST