अपडेटेड 9 August 2024 at 17:26 IST
...तो अफरीदी-रऊफ की जगह खा जाते अरशद नदीम, ये बयान उड़ा देगा पाकिस्तानी गेंदबाजों के होश! VIDEO
पाकिस्तान को ओलंपिक में 40 साल बाद गोल्ड मेडल दिलाने वाले अरशद नदीम का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो पाकिस्तानी गेंदबाजों के होश उड़ा देगा।
- खेल समाचार
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Paris Olympics 2024: पाकिस्तान (Pakistan), वो देश जिसे कोई पूछता नहीं था, जो देश कई बार इंटरनेशनल लेवल पर बेइज्जती करा चुका है। अरशद नदीम (Arshad Nadeem) की वजह से उसी पाकिस्तान (Pakistan) की अब दुनियाभर में तारीफ हो रही है। पाकिस्तान (Pakistan) के इस 27 वर्षीय एथलीट ने मौजूदा पेरिस ओलंपिक में ऐसा धमाका किया है कि दुनिया हिला डाली है।
जेवलिन थ्रोअर (Javelin Thrower) अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में रिकॉर्डतोड़ थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है और पाकिस्तान का नाम रोशन किया है। अरशद की इस शानदार जीत के बाद पाकिस्तान में जश्न का माहौल है। भारत के पड़ोसी पाकिस्तान (Pakistan) की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, क्योंकि अरशद (Arshad) ने कारनामा ही बहुत बड़ा किया है।
अरशद ने 32 साल बाद पाकिस्तान (Pakistan) को ओलंपिक मेडल दिलाया है और वो भी गोल्ड। पाकिस्तान के इस 27 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद अपने परिवार, कोच और देशवासियों का आभार जताया, लेकिन उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान भी दिया, जिसे सुन कर पाकिस्तानी गेंदबाजों के होश उड़ जाएंगे।
अफरीदी-रऊफ की जगह खा जाते अरशद
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अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में गुरुवार को मेंस जेवलिन का गोल्ड मेडल जीतने के बाद मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। दरअसल अरशद ने बताया कि अगर वो जेवलिन थ्रोअर न होते तो एक क्रिकेटर, खासतौर पर गेंदबाज होते। अरशद ने अपनी पूरी कहानी बताई। उन्होंने कहा-
मैंने भी गांव लेवल से जेवलिन की शुरुआत की, लेकिन मैंने क्रिकेट भी खेला है। मैं बहुत अच्छा क्रिकेट खेलता था। मैं एक बॉलर था। मुझे क्रिकेट छोड़ना पड़ा। फुटबॉल, कबड्डी और बैडमिंटन भी खेला है। फिर ये सारे खेल छोड़कर स्कूल लेवल में मैंने एथलेटिक्स शुरू कर दिया। यहां मैंने काफी इवेंट्स में भाग लिया। मैंने शॉटपुट, जेवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो, हैमर थ्रो, लॉन्ग जंप, ट्रिपल जंप और इसके साथ-साथ 100 और 200 मीटर की रेस में भी भाग लिया। मैं पाकिस्तान में बेस्ट एथलीट रहा, लेकिन जो मेरे कोच थे उन्होंने कहा सारा कुछ छोड़कर जेवलिन में आऊं, क्योंकि कद-काठी अच्छी है। उस वक्त मेरा शौक था कि क्रिकेट में जाऊं, लेकिन क्रिकेट में आगे आना बड़ा मुश्किल था। टीम में अपना नाम बनाना और जगह बनाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। बड़े भाई ने भी कहा कि एथलेटिक्स में जाऊं। इस तरह फिर मैंने एथलेटिक्स स्टार्ट किया। ऑल पंजाब में एथलेटिक्स में कई इवेंट खेले और मुझे कोई न कोई मेडल मिलता था।
पाकिस्तान (Pakistan) को ओलंपिक (Olympic) में 40 बाद गोल्ड मेडल (Gold Medal) दिलाने वाले अरशद नदीम (Arshad Nadeem) का ये बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और इस बयान से साफ है कि अगर वो जेवलिन थ्रोअर न होते तो पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेल रहे होते और वो भी बतौर तेज गेंदबाज और जिस तरह उन्होंने पेरिस ओलंपिक में 92.97 मीटर का रिकॉर्डतोड़ थ्रो फेंका है, उससे ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर वो तेज गेंदबाज होते तो पाकिस्तान टीम में शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ जैसे गेंदबाजों की जगह खा जाते, क्योंकि अगर वो भाला इतनी दूर फेंक सकते हैं तो गेंदबाजी में क्या करते, आप सोच सकते हैं।
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Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 9 August 2024 at 17:26 IST