अपडेटेड 8 August 2024 at 21:48 IST

VIDEO: ब्रॉन्ज के साथ खत्म हुआ भारत की 'दीवार' श्रीजेश का सफर, हॉकी टीम ने खास अंदाज में दी विदाई

पेरिस ओलंपिक में भारत को ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पीआर श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा कह दिया। भारतकी दीवार कहे जाने वाले श्रीजेश को हॉकी टीम मे अद्भुत अंदाज में बधाई दी।

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Indian Hockey team give tribute to PR Sreejesh
Indian Hockey team give tribute to PR Sreejesh | Image: X

PR Sreejesh Last Match: पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर पूरे भारत को बेशकीमती तोहफा दे दिया। टीम ने स्पेन के खिलाफ मुकाबले में जो कि ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबला था उसमें 2-1 से जीत हासिल की। इसी के साथ परिस ओलंपिक में ये भारत का चौथा और ओलंपिक के इतिहास में भारत के नाम 13वां मेडल था।

भारतीय हॉकी टीम के दीवार कहे जाने वाले पीआर श्रीजेश का ये आखिरी इंटरनेशनल टूर्नामेंट था। टीम ने जीत के साथ श्रीजेश को विदाई दी। भारत ने जैसे ही स्पेन को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता तो सारा देश झूम उठा। 

भारतीय हॉकी टीम के खिलाडियों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। पीआर श्रीजेश तो मैदान पर लेट गए और गोलपोस्ट को प्रणाम किया। इसके बाद वे उछलकर गोलपोस्ट के बार पर बैठकर सिग्नेचर पोज दिया। टीम के सारे खिलाड़ियों ने उन्हें सैल्यूट किया।

भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में सबसे ज्यादा योगदान गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह का है। श्रीजेश दीवार बनकर डटे रहे और विरोधियों को गोल के लिए तरसा दिया। वहीं हरमनप्रीत सिंह ने भारत के लिए आधे से ज्यादा गोल किए। इन दोनों की जुगलबंद का नजारा तो उस वक्त देखने को मिला जब पीआर श्रीजेश ने अपना आखिरी मैच खेल लिया तो कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने उन्हें अपने कंधे पर बैछा लिया। यह दृश्य देख हरमनप्रीत सिंह, पीआर श्रीजेश के साथ-साथ टीवी के सामने नजरें गड़ाए बैठे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गईं।  

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श्रीजेश और हरमनप्रीत ने निभाई अहम भूमिका 

ओलंपिक शुरू होने से पहले ही श्रीजेश ने ऐलान कर दिया था कि ये उनका आखिरी इंटरनेशनल टूर्नामेंट है। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर श्रीजेश को सुनहरी विदाई देना ही अपना एकमात्र लक्ष्य बना लिया। जर्मनी ने सेमीफाइनल में सपना तोड़ा तो स्पेन से इसका बदला ले लिया गया। अपने 18 साल लंबे करियर में 'मजबूत दीवार' की तरह उभरे केरल के श्रीजेश शायद भारतीय हॉकी इतिहास के महानतम गोलकीपर माने जाएंगे। स्पेन के खिलाफ इस मैच में पीआर श्रीजेश ने छह में से पांच गोल बचाए। मैच के बाद उन्होंने विश्वास करने के लिए देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस जीत के साथ ही भारत के लिए 336 मैच खेलने वाले श्रीजेश ने इंटरनेशनल हॉकी को अलविदा कह दिया। आठ बार की चैंपियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम का यह 13वां ओलंपिक पदक है। भारत ने 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक मेडल जीते हैं। इससे पहले 1968 में मैक्सिको और 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में भारत ने कांस्य जीता था। 

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 8 August 2024 at 21:48 IST