अपडेटेड 17 July 2024 at 23:30 IST

Paris Olympic: अपनी मां के संघर्षों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध ज्योति याराजी

Paris Olympic: भारतीय एथलीट ज्योति याराजी पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर बाधा दौड़ में हिस्सा लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन जायेंगी।

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Jyothi Yarraji
Jyothi Yarraji | Image: pti

Paris Olympics: भारतीय एथलीट ज्योति याराजी 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में 100 मीटर बाधा दौड़ में हिस्सा लेने वाली देश की पहली खिलाड़ी बन जायेंगी जिसमें उनकी कोशिश अपनी मां कुमारी के अभी तक के सारे संघर्षों को खत्म करने की होगी।

विश्व रैंकिंग कोटे से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली याराजी अपनी मां की सकारात्मक सोच से प्रेरित होकर पेरिस में शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगी। उनकी मां विशाखापत्तनम में एक स्थानीय अस्पताल में सफाईकर्मी और घरेलू सहायिका की ‘डबल शिफ्ट’ में काम करती थीं।

‘रिलायंस फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक वर्चुअल बातचीत में याराजी ने कहा, ‘‘पहले मैं अपनी व्यक्तिगत जिंदगी, अपने परिवार और पृष्ठभूमि को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहती थी। लेकिन मैंने काफी कुछ सीखा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘कभी कभार मेरी हालत बहुत खराब होती। मेरी मां हमेशा मुझे कहती कि आगे बढ़ते रहो क्येांकि हम वर्तमान, अतीत और भविष्य को नहीं रोक सकते। ’’ याराजी ने कहा, ‘‘मेरी मां ने मुझे कहा, तुम अपने लिए काम करो, कोई भी नतीजा रहे, हम इसे स्वीकार करेंगे। मेरी मां प्रतियोगिता से पहले मुझे कभी नहीं कहतीं कि पदक जीतो या फिर स्वर्ण पदक जीतो। वह मुझसे कहतीं कि जाओ स्वस्थ रहो और जो भी मैं करूं उसमें संतुष्ट रहूं। इसलिये मैं हमेशा सकारात्मक सोच से आगे बढ़ती हूं। ’’

उन्होंने यह भी कहा कि सकारात्मक सोच के लोगों के साथ रहने से भी उन्हें मदद मिली क्योंकि उन्होंने अतीत और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचने के बजाय मेरे वर्तमान को सुधारने में मदद की। याराजी ने अपने कोच जेम्स हिलियर (रिलायंस फाउंडेशन के एथलेटिक्स निदेशक) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पहले मेरे पास अच्छी टीम नहीं थी। अब मेरे साथ बहुत सारे सकारात्मक लोग हैं। इससे मुझे काफी मदद मिल रही है। मैं हमेशा सकारात्मक रहती हूं। मैं सकारात्मक सोच से नकारात्मकता को दूर करती हूं। ’’ याराजी का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 12.78 सेकेंड का है और वह मानती हैं कि ओलंपिक पदार्पण में उन पर काफी दबाव होगा लेकिन वह ध्यान लगाकर शांत बने रहने की कोशिश कर रही हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ओलंपिक में खेलने का अनुभव नहीं है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि ये अच्छे रहेंगे। मुझे एशियाई चैम्पियनशिप, एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप का अनुभव है। मुझे उम्मीद है कि इनसे मिले अनुभव का ओलंपिक में फायदा उठाऊंगी। ’’

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 17 July 2024 at 23:30 IST