अपडेटेड 29 July 2024 at 20:12 IST
Paris Olympics 2024: मेडल से चूकने पर अर्जुन का छलका दर्द, बोले- चौथे स्थान पर…
भारतीय युवा निशानेबाज अर्जुन बाबुता पेरिस ओलंपिक में सोमवार को पदक से चूकने के बाद काफी निराश दिखाई दिए। उन्होंने चौथे नंबर पर रहने का मलाल है।
- खेल समाचार
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2024 पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में10 मीटर एयर राइफल फाइनल में ज्यादातर समय शीर्ष 3 में रहने के बाद मेडल से चूकने का मलाल अर्जुन बाबुता (Arjun Babuta) के चेहरे पर साफ दिखाई दिया। वो पदक से चूकने के बाद काफी निराश दिखाई दिए।
25 साल के इस भारतीय निशानेबाज ने कहा कि चौथे स्थान पर रहने से बदतर कुछ नहीं हो सकता। रियो ओलंपिक 2016 में इसी स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे बीजिंग ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा को बखूबी पता है कि इस समय बबूता के दिल पर क्या गुजर रही होगी। उन्होंने सबसे पहले उसे सांत्वना दी।
मेडल से चूकने से बाद क्या बोले बाबुता?
बबूता ने पेरिस में अपने इवेंट के बाद भारतीय मीडिया से बातचीत के दौरान कहा-
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अभिनव बिंद्रा ने मुझसे कहा कि चौथे स्थान पर रहने के बाद मैं और मजबूत बनूंगा और अब आगे देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुस्कुराकर इसे स्वीकार करो और आगे बढ़ो।
पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले इस निशानेबाज ने कहा-
ये मेरा दिन नहीं था। चौथे स्थान पर रहना पचा पाना मुश्किल है। ये सबसे बदतर स्थान है। दिल तोड़ देता है। मुझे सोचना होगा कि कहां सुधार कर सकता हूं। अभी बहुत कुछ दिमाग में चल रहा है। पहले उससे निपटना होगा। अगर मैं शीर्ष तीन में नहीं रहता तो किस्मत या कमजोरी पर दोष मंढ सकता था, लेकिन वो भी नहीं है। कोई भी चौथे स्थान पर नहीं रहना चाहता। अपनी तैयारी, प्रक्रिया, श्वास, एकाग्रता, ट्रिगरिंग सब कुछ पर मेरा ध्यान था। मैंने जब भी राइफल उठाई, प्रक्रिया को याद किया। मुझे अभी भी समझ में नहीं आ रहा कि वो एक शॉट खराब कैसे हो गया।
25 साल के अर्जुन बाबुता सोमवार, 28 जुलाई को मेंस 10 मीटर एयर राइफल (Men's 10M Air Rifle) में मेडल जीतने से चूक गए। वो 208.4 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे। कई राउंड तक वो दूसरे और तीसरे नंबर पर चल रहे थे, लेकिन अंत में वो टॉप-3 से खिसक गए और मेडल नहीं जीत पाए। पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में चीन के शेंग लिहाओ नंबर-1 पर रहे। लिहाओ ने 252.2 अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 29 July 2024 at 20:12 IST