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Published 20:27 IST, August 30th 2024

'नतीजे के बजाय…', पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद क्या बोलीं अवनि लेखारा?

22 साल की अवनि लेखारा ने मौजूदा 2024 पेरिस पैरालंपिक में भारत के लिए शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद उन्होंने अपना अनुभव साझा किया।

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Paralympic champion Avani Lekhara
अवनि लेखारा | Image: X

Paris Paralympics 2024: ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय पैरा निशानेबाज अवनि लेखारा (Avani Lekhara) का ध्यान पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में और अधिक पदक जीतने पर लगा है और उनका कहना है कि वो अपनी बची हुई दो स्पर्धाओं में भी पोडियम पर आना चाहती हैं।

अवनि शुक्रवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) निशानेबाजी स्पर्धा लगातार दो पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं। 3 साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली 22 वर्षीय अवनि ने शानदार 249.7 अंक हासिल कर तीन साल पहले के अपने ही पैरालंपिक रिकॉर्ड 249.6 को तोड़ दिया।

गोल्ड जीतने के बाद क्या बोलीं?

अवनि ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा-

यह बहुत करीबी फाइनल था। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के लिए बहुत कम अंतर था। लेकिन मैं नतीजों के बजाय अपने विचारों पर ध्यान लगा रही थी। मुझे खुशी है कि इस बार भी एरीना में बजने वाला पहला राष्ट्रगान भारत का राष्ट्रगान था। मुझे अभी दो और स्पर्धाओं में हिस्सा लेना है इसलिए मैं देश के लिए और पदक जीतने पर ध्यान लगाये हूं।

मोना अग्रवाल ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

वहीं अवनि के साथ कांस्य पदक जीतने वाली मोना अग्रवाल ने कहा-

काफी मुश्किल था, लेकिन मैं सफल रही, इसलिए शुक्रिया। अवनि के साथ रहने निश्चित रूप से मदद की। वो एक चैंपियन हैं और वो मुझे प्रेरित करती हैं। 

37 साल की मोना ने निशानेबाजी से पहले गोला फेंक, पावरलिफ्टिंग और व्हीलचेयर वॉलीबॉल सहित कई खेलों में हाथ आजमाया था। वो 228.7 अंक से कांस्य पदक जीतने में सफल रहीं। भारत के पैरालंपिक इतिहास में ये पहली बार है कि दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं। बता दें कि एसएच 1 वर्ग में वो खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से और पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 20:27 IST, August 30th 2024