अपडेटेड 7 August 2021 at 19:26 IST

टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड लाने वाले कौन हैं सूबेदार नीरज चोपड़ा ?

टोक्यो ओलंपिक 2020 में जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। ये इस ओलंपिक का पहला गोल्ड है।

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ओलंपिक गेम्स 2020 का आज यानी शनिवार को 16वां दिन है। आज इस ओलिंपिक में पहली बार भारत पर गोल्ड बरसा है। जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। यह ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला मेडल है, वो भी गोल्ड मेडल। पूरा भारत इस वक्त खुशी से झूम रहा है। नीरज चोपड़ा के शानदार परफॉर्मेंस के बाद देश में जश्न का माहौल है।

नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने 87.58 मीटर जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) के साथ भारत की झोली में पहला गोल्ड मेडल डाल दिया है। नीरज ने अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरे में 87.58 और तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर जैवलिन फेंका। इस प्रतिस्पर्धा में दूसरे और तीसरे स्थान पर चेक खिलाड़ी रहे। 

नीरज चोपड़ा की इस जीत के साथ ही भारत के टोक्यो ओलंपिक में 7 पदक हो गए हैं और यह किसी एक ओलंपिक खेल में सबसे अधिक पदक लाने का भारत का नया रिकॉर्ड है। 2012 लंदन ओलंपिक खेलों में भारत ने छह पदक जीते थे। 


नीरज सूबेदार के पद पर किये गए थे नियुक्त 

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हुआ है। वह हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव से हैं। उनकी शिक्षा डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से हुई है। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद के साथ भारतीय सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी नियुक्त किया गया था। 
आर्मी से जॉब मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरे पिता एक किसान हैं और मां हाउसवाइफ हैं और मैं एक ज्वॉइंट फैमिली में रहता हूं। मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।" उन्होंने आगे कहा था, "अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक मदद भी कर सकता हूं।"

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साधारण परिवार से आते हैं सूबेदार नीरज 

अपने परिवार के बेहद करीब रहने वाले नीरज लगातार आगे बढ़ते रहे। नीरज साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता किसान हैं जबकि माता गृहणी हैं। 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में उन्होंने 88.06 मीटर का थ्रो करके गोल्ड मेडल जीता था। नीरज ऐसा करने वाले पहले भारतीय हैं। अब तक एशियन गेम्स में जैवलिन थ्रो में भारत ने सिर्फ दो पदक ही हासिल किया है। नीरज से पहले 1983 में गुरतेज सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

2018 के ही कॉमनवेल्थ गेम में नीरज ने गोल्ड मेडल जीता था। जिसमें उन्होंने 86.47 दूरी पर भाला फेंका था। इसके बाद वह कंधे की चोट के शिकार हो गए। जिससे उन्हें खेल से काफी वक्त तक दूर रहना पड़ा। जब तक नीरज ठीक होते देश में और विश्व में कोरोना महामारी का दौर था। ऐसे में कई सारे खेल इवेंट्स रद्द हो गए। इसी साल नीरज ने इंडियन ग्रैंड प्रिक्स में 88.07 मीटर का तो करके अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा था।

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नीरज चोपड़ा का ओलंपिक सफर 

नीरज चोपड़ा ने पिछले साल साउथ अफ्रीका में आयोजित हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के जरिए ओलंपिक का टिकट हासिल किया। 
उन्होंने 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो कर 85 मीटर के अनिवार्य क्वालिफिकेशन मार्क को पार कर यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने अपना बेहतरीन प्रदर्शन हर राउंड में जारी रखा और नतीजा ये रहा कि वे अब गोल्ड मेडल जीत गए हैं। 

नीरज गोल्ड जीतने वाले केवल दूसरे खिलाड़ी

इसके साथ ही नीरज ओलंपिक के व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिए गोल्ड जीतने वाले केवल दूसरे खिलाड़ी बने हैं। अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 के 10 मीटर राइफल शूटिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। पहली बार ओलंपिक में खेल रहे नीरज चोपड़ा क्वॉलिफिकेशन राउंड में दोनों ही ग्रुप में सबसे ऊपर रहे थे। तब 23 वर्षीय इस एथलीट ने 86.65 मीटर भाला फेंका था। 

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Published By : Chandani sahu

पब्लिश्ड 7 August 2021 at 19:11 IST