अपडेटेड 29 August 2023 at 19:55 IST
जब टूटे दांत और नंगे पांव ध्यानचंद ने मचाया था 'गदर', हिटलर के सामने जर्मनी को सिखाया था सबक
हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का आज जन्मदिन है। ये दिन भारतीय खेलों के लिए बहुत खास है। ध्यानचंद के खेल करियर के साथ भारतीय हॉकी के सुनहरे पल जुड़े हुए हैं।
- खेल समाचार
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Major Dhyan Chand Birth Anniversary: खेलों की दुनिया में भारत लगातार नए कीर्तिमान रच रहा है। स्पोर्ट्स में भारत के बढ़ते दबदबे का ताजा उदाहरण वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भारत को मिला गोल्ड मेडल है। खेलों की बात चल रही है तो 29 अगस्त के दिन को कैसे भूला जा सकता है। 29 अगस्त का दिन भारतीय खेलों के लिए बेहद खास है। आज ही के दिन हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यान चंद का जन्म हुआ था और इस दिन को भारत में 'नेशनल स्पोर्ट्स डे' के रूप में मनाया जाता है।
खबर में आगे पढ़ें...
- हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद का जन्मदिन आज
- ध्यान चंद के जन्मदिन पर भारत में 'नेशनल स्पोर्ट्स डे'
- जब ध्यानचंद ने हिटलर के सामने निकाली थी जर्मनी की हेकड़ी
मेजर ध्यानचंद, भारतीय हॉकी का वो नाम है, जो हमेशा अमर रहेगा। ध्यानचंद की उपलब्धियों का सफर भारतीय खेल इतिहास को गौरवान्वित करता है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद का साल 1905 में आज ही के दिन जन्म हुआ था। लगातार तीन ओलंपिक (1928 एम्सटर्डम, 1932 लॉस एंजेलिस और 1936 बर्लिन) में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाने वाले ध्यानचंद के खेल का हर कोई कायल रहा है। उन्होंने भारत को कई मुकाम दिलाए, लेकिन 1936 बर्लिन ओलंपिक में उन्होंने जो किया, उसका हर कोई दीवाना है।
हिटलर के सामने जर्मनी को रौंदा
दिवंगत मेजर ध्यानचंद के खेल जीवन से जुड़ा एक यादगार वाकया भारतीय हॉकी को शिखर पर ले जाता है। ध्यानचंद ने वैसे तो भारत को कई यादगार मैच जिताए, जिनकी बात करें तो शब्द भी कम पड़ जाएंगे, लेकिन एक वाकया ऐसा भी है, जब ध्यानचंद ने तानाशाह हिटलर के सामने ही उसकी जर्मनी टीम को बुरी तरह धो डाला था।
1936 में जर्मनी में हुए ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने ध्यानचंद की कप्तानी में जर्मनी को हराकर लगातार तीसरी बार गोल्ड मेडल जीता था, जिसके हीरो ध्यानचंद रहे थे। भारत ने उस फाइनल में जर्मनी को 8-1 से एकतरफा अंदाज में मात दी थी। इसमें 3 गोल ध्यानचंद ने दागे थे। बड़ी बात ये है कि ध्यानचंद ने टूटे दांत और नंगे पांव जर्मनी को सबक सिखाया था। दरअसल बर्लिन आलंपिक के हॉकी का फाइनल भारत और जर्मनी के बीच 14 अगस्त 1936 को खेला जाना था, लेकिन उस दिन लगातार बारिश की वजह से मैच अगले दिन 15 अगस्त को खेला गया। उस दिन स्टेडियम में हिटलर भी मौजूद था।
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कैसे टूटा था ध्यानचंद का दांत?
1936 के बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद के साथ खेले और बाद में पाकिस्तान के कप्तान बने आईएनएस दारा ने एक संस्मरण में लिखा कि 6 गोल खाने के बाद जर्मनी टीम काफी खराब हॉकी खेलने लगी थी। जर्मन गोलकीपर टिटो वार्नहोल्ज की हॉकी स्टिक ध्यानचंद के मुंह पर इतनी जोर से लगी कि उनका दांत टूट गया था। ये भी बताया जाता है कि हाफ टाइम यानि 30 मिनट के बाद ध्यानचंद ने अपने जूते निकाल दिए थे और नंगे पांव मैदान पर उतर गए थे।
बता दें कि हॉकी में 9 दशक पहले जिस तरह मेजर ध्यानचंद को पूजा जाता था, आज भी उसी तरह उनकी पूजा की जाती है। आज भी कई दिग्गजों ने मेजर ध्यानचंद को याद किया। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ज्वाहरलाल नेहरू स्टेडियम में मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी।
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वहीं भारतीय मेंस हॉकी टीम ने भी हॉकी के जादूगर को श्रद्धांजलि दी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस पर झांसी पहुंचे और यहां हॉकी खेली।
बता दें कि वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले स्टार भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा नेशनल स्पोर्ट्स डे पर देशवासियों से कोई एक खेल चुनने और फिट रहने की अपील की है।
Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 29 August 2023 at 19:51 IST