अपडेटेड 28 May 2024 at 22:11 IST
ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए टीम की योजना अमेरिका के करीब रहने की थी: जैकब
ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए टीम की योजना अमेरिका के करीब रहने की थी: जैकब
- खेल समाचार
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Paris Olympics: भारतीय धावक अमोज जैकब ने कहा कि पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने अपने समय में सुधार के साथ विश्व एथलेटिक्स रिले से पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने और अमेरिका की मजबूत टीम के समय के करीब रहने की योजना बनायी थी।
मोहम्मद अनस याहिया, मोहम्मद अजमल, अरोकिया राजीव और जैकब की भारतीय पुरुष टीम ने इस महीने की शुरुआत में नासाउ (बहामास) में विश्व एथलेटिक्स रिले में अपनी हीट में दूसरे स्थान पर रहने के बाद पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई किया था।
भारतीय चौकड़ी तीन मिनट 23 सेकंड के समय के साथ अपनी हीट में दूसरे स्थान पर रही। इस हीट को अमेरिका (दो मिनट 59.95 सेकंड) ने जीता था। जैकब ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) मीडिया से कहा, ‘‘हम जानते थे कि हमारी हीट में अमेरिका है और वे ज्यादातर तीन मिनट से कम समय में दौड़ पूरी करते हैं। इसलिए, हमारी योजना उनके करीब रहने की थी, जिससे न केवल हमारे समय में सुधार होगा बल्कि हमें पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करने में भी मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य तीन मिनट से तीन मिनट 10 सेकंड के बीच का समय लेने का था ताकि पेरिस ओलंपिक से पहले हमारा आत्मविश्वास ऊंचा रहे।’’ इस रिले रेस के एंकर (आखिरी धावक) जैकब ने अरोकिया से बैटन लिया तो भारतीय टीम तीसरे स्थान पर थी। दिल्ली के इस खिलाड़ी ने शानदार दौड़ लगाकर मैक्सिको के धावक को पीछे छोड़ते हुए दूसरा स्थान हासिल किया।
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इससे पहले शुरुआती क्वालीफाइंग हीट के दूसरे चरण के धावक राजेश रमेश के ऐंठन के कारण बीच में ही हटने के कारण भारत दौड़ पूरी करने में विफल रहा था। टीम में इसके बाद रमेश की जगह राजीव को शामिल किया गया और वह दूसरी क्वालीफाइंग हीट में अनस और अजमल के बाद तीसरे चरण में दौड़े। रमेश की गैरमौजूदगी से निपटने के बारे में पूछे जाने पर जैकब ने कहा, ‘‘यह आसान था क्योंकि हम एक साथ अभ्यास कर रहे थे। हमने विभिन्न संयोजनों के साथ बैटन बदलने का अभ्यास किया था। उस समय हमारी एकमात्र चिंता यह सुनिश्चित करने की थी कि और कोई चोटिल ना हो।’’ इस 26 साल के खिलाड़ी ने कहा कि प्रतियोगिता से एक महीने पहले बहामास पहुंचने से टीम को परिस्थितियों से अच्छी तरह तालमेल बिठाने में मदद मिली। यह ओलंपिक टिकट हासिल करने में महत्वपूर्ण था।
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Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 28 May 2024 at 22:11 IST