अपडेटेड 1 May 2025 at 23:17 IST
14 साल के वैभव सूर्यवंशी को मिली क्रिकेट की सबसे बड़ी सीख, मुंबई इंडियंस का ये 'एहसान' कभी नहीं भूलेगा भारत
Vaibhav Suryavanshi: पिछले मैच में सनसनीखेज शतक जड़ने वाले वैभव सूर्यवंशी, मुंबई इंडियंस के खिलाफ मुकाबले में शून्य पर आउट हुए।
- खेल समाचार
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Vaibhav Suryavanshi: हिंदी फिल्म का एक मशहूर गाना याद तो होगा, 'जिंदगी की यही रीत है... हार के बाद ही जीत है।' लेकिन कभी-कभी जीत के बाद हारना भी जरूरी है। 14 साल के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में कदम रखा और पहली ही गेंद पर छक्का जड़कर महफिल लूट ली। राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी ने IPL डेब्यू पर 20 गेंदों पर 34 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। मानो वो ऐलान कर रहे हों कि मेरी उम्र छोटी है, लेकिन गेंदबाज उन्हें बच्चा समझने की गलती बिल्कुल ना करें।
14 साल की उम्र में यादगार आईपीएल डेब्यू कर वैभव सूर्यवंशी सोशल मीडिया के सनसनी बन गए। दुनियाभर में उनकी चर्चा होने लगी। दूसरे मैच में वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके लेकिन तीसरे मुकाबले में वो कारनामा किया, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी। गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में सूर्यवंशी ने अपने टैलेंट का 'वैभव' दिखाया और महज 35 गेंदों पर शतक ठोककर क्रिकेट जगत को हिला दिया। वो आईपीएल में सबसे तेज सेंचुरी जड़ने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए। दुनिया हैरान थी। कैसे कोई 14 साल का लड़का, आईपीएल जैसे बड़े स्टेज पर आकर ये करिश्मा कर सकता है? वैभव सूर्यवंशी भले ही ये बात कुबूल ना करें, लेकिन इस पारी के बाद उनका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर होगा।
वैभव सूर्यवंशी को ये जीरो बनाएगा हीरो!
मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में भी फैंस की निगाहें 14 साल के वैभव सूर्यवंशी पर थी। पारी की दूसरी गेंद पर यशस्वी जायसवाल ने सिंगल लिया और स्ट्राइक पर आए सूर्यवंशी। दीपक चाहर की पहली गेंद को उन्होंने कवर की दिशा में खेला, लेकिन कोई रन नहीं मिला। एक गेंद डॉट क्या हुई वैभव सूर्यवंशी का सब्र टूट गया। उन्होंने अगली गेंद पर हवाई शॉट खेला और कैच आउट हो गए। पिछले मैच में सनसनीखेज शतक लगाने वाले वैभव सूर्यवंशी इस मुकाबले में खाता भी नहीं खोल सके। शून्य पर आउट होकर जब वो ड्रेसिंग रूम की तरफ बढ़ रहे थे, तब उनके चेहरे पर मायूसी थी, लेकिन यकीन मानिए ये जीरो उन्हें आने वाले समय में हीरो बना सकता है।
ये क्रिकेट नहीं आसान...
गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में वैभव सूर्यवंशी ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, ऐसा लगा कि वो इसे बच्चों का खेल समझ रहे हैं। जब मन किया तब चौका, जब चाहा छक्का। 38 गेंदों पर 101 रनों की पारी के दौरान उन्होंने सिर्फ 8 रन दौड़ के लिए थे। 14 साल के बच्चे के लिए ये जानना जरूरी था कि क्रिकेट सच में बच्चों का खेल नहीं है। रिकॉर्डतोड़ पारी खेलने के बाद वैभव सूर्यवंशी हर न्यूजपेपर के हेडलाइन थे। 14 साल की उम्र में इतनी लाइमलाइट मिलना अच्छा तो है, लेकिन कभी-कभी ये घातक भी साबित हो सकता है।
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मुंबई इंडियंस के खिलाफ जीरो पर आउट होने के बाद वैभव सूर्यवंशी को भी समझ गया होगा कि ये खेल इतना आसान नहीं है। अगर उनके पांव आसमान की तरफ गलती से बढ़े भी होंगे तो इस शून्य के बाद निश्चित तौर पर जमीन पर आ गए होंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि अगले मैच में वो कैसा प्रदर्शन करते हैं। क्योंकि क्रिकेट में हर पारी जीरो से स्टार्ट होती है। आपने पिछले मैच में क्या किया, वो मायने नहीं रखता। अगर वैभव सूर्यवंशी को सच में साबित करना है कि वो कोई आम बल्लेबाज नहीं, तो उन्हें असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना होगा। ऐसे जीरो और भी आएंगे, देखना तो ये है कि वैभव इस जीरो के बाद क्या करते हैं… इसलिए कभी-कभी जीत के बाद हार भी जरूरी है।
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Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 23:00 IST