Published 22:17 IST, September 12th 2024
WFI के लिए तदर्थ समिति के पुनर्गठन पर दिल्ली हाईकोर्ट का IOA से जवाब तलब
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की तदर्थ समिति के पुनर्गठन को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से जवाब तलब किया है।
WFI Election: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से पूछा कि वो भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के कामकाज को चलाने के लिए तदर्थ समिति के पुनर्गठन के उसके आदेश के अनुसरण में उठाए गए कदमों के बारे में बताए।
अदालत ने अनुभवी पहलवानों बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की याचिका पर यह निर्देश दिया जिसमें महासंघ के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए दिसंबर में हुए चुनावों को रद्द करने और उन्हें अवैध घोषित करने की मांग की गई थी।
सरकार और IOA को आखिरी मौका
अदालत ने केंद्र सरकार और आईओए को पहलवानों की याचिका पर जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर भी दिया। ये पहलवान पिछले साल जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे जिसमें सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई थी। बृज भूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह को 21 दिसंबर 2023 को हुए चुनावों में डब्ल्यूएफआई का नया प्रमुख चुना गया।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा-
अदालत अंतिम छूट के रूप में उन्हें (केंद्र और आईओए) अपने हलफनामे/प्रति हलफनामे दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय देती है। अगर प्रतिवादी समय-सीमा के भीतर कोई प्रति हलफनामा दाखिल नहीं करते हैं तो अदालत मामले की सुनवाई जारी रखेगी। प्रतिवादी संख्या 3 (आईओए) को 16 अगस्त को पारित फैसले के अनुसरण में उठाए गए आवश्यक कदमों को रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया जाता है।
मामले में अंतरिम राहत के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर आवेदन पर उच्च न्यायालय ने 16 अगस्त को डब्ल्यूएफआई के लिए आईओए की तदर्थ समिति को बहाल कर दिया था और कहा था कि तदर्थ समिति को भंग करने का आईओए का निर्णय दिसंबर में हुए चुनावों के तुरंत बाद डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने के केंद्रीय खेल मंत्रालय के आदेश के अनुरूप नहीं है।
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Updated 22:17 IST, September 12th 2024