अपडेटेड April 16th 2025, 23:13 IST
सुनील गावस्कर कोई नाम नहीं बल्कि एक युग है उन्हें 'लिटिल मास्टर' कहिए या 'टेस्ट क्रिकेट का बादशाह'एक ऐसा दौर था जब बल्लेबाज़ बिना हेलमेट के मैदान में उतरते थे, और तेज़ गेंदबाज़ों की गूंजती हुई गेंदों की बखिया उधेड़कर रख देते थे। उस दौर में गावस्कर क्रिकेट मैदान में अकेले नहीं खड़े थे, वो भारत की उम्मीद बनकर विकेट पर डटे रहते थे। उनके बारे में कुछ कहना सूरज को दिया दिखाने जैसी बात होगी। गावस्कर ने सिर्फ क्रिकेट मैदान पर ही ये उपलब्धि नहीं हासिल की है बल्कि वो सामान्य जीवन में कितने बड़े दिलवाले हैं इसका उदाहरण हमने पिछले दिनों देखा जब उन्होंने विनोद कांबली की मदद के लिए सबसे पहले अपना हाथ बढ़ाया।
साल 1983 में जब भारतीय टीम ने कपिल देव की अगुवई में विश्वकप जीता था तब सुनील गावस्कर भी उस टीम में बतौर सीनियर शामिल थे। हालांकि इस टूर्नामेंट में उनका बल्ला उनके नाम के हिसाब से रन नहीं उगल पाया था। लेकिन जब भी 1983 का वर्ल्ड कप याद किया जाता है तो टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत आंखों के सामने घूम जाती है। गावस्कर ने 125 टेस्ट मैचों में 10122 रन बनाए थे जो कि दुनिया के पहले बल्लेबाज बने थे जिसने टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रनों का आंकड़ा पार किया था। वहीं वनडे मैचों में भी गावस्कर ने 108 वनडे मैचों में 4966 रन बनाए थे। सुनील गावस्कर अपनी यहां तक की यात्रा में सिर्फ रन, रिकॉर्ड और रैंकिंग तक सीमित नहीं रहे समय के साथ-साथ वो खुद एक बड़े क्रिकेट ब्रांड बन गए। क्रिकेट कमेंट्री बॉक्स से लेकर टीवी विज्ञापन की दुनिया तक उन्होंने अपनी बेहतरीन शख्सियत के दम और क्रिकेट की गहरी समझ से करोड़ों दिलों पर राज किया।
क्रिकेट के मैदान पर रन बनाने वाले सुनील गावस्कर अब कमेंट्री बॉक्स में भी कमाई के मामले में किसी स्टार से कम नहीं। ‘लिटिल मास्टर’ के नाम से मशहूर गावस्कर की कुल संपत्ति को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट्स में अलग-अलग आंकड़े सामने आए हैं, लेकिन सभी इस बात पर सहमत हैं कि वह भारत के सबसे अमीर पूर्व क्रिकेटरों में से एक हैं। नेट वर्थ (2024 अनुमान) CelebrityNetWorth.com के अनुसार, सुनील गावस्कर की कुल नेट वर्थ लगभग $30 मिलियन (यानी करीब ₹227 करोड़) आंकी गई है। उनकी कमाई के प्रमुख स्रोतों में कमेंट्री, ब्रांड एंडोर्समेंट्स, क्रिकेट से जुड़ी प्रशासनिक भूमिकाएं और निवेश शामिल हैं।
सुनील गावस्कर का नाम क्रिकेट की दुनिया में हमेशा तकनीकी परफेक्शन और निर्भीक बल्लेबाज़ी के लिए लिया जाता है। लेकिन उनकी असली क्लास सिर्फ 22 गज की पिच तक सीमित नहीं रही। गावस्कर की पहचान अब एक बेहतरीन कमेंटेटर के रूप में भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमेंट्री से ही उन्होंने अब तक करीब $4.75 मिलियन (लगभग ₹36 करोड़) की कमाई की है। सिर्फ IPL में कमेंट्री करने के लिए उन्हें सालाना $2.5 मिलियन (लगभग ₹18.9 करोड़) मिलते हैं। उनकी आवाज़, उनका अनुभव और क्रिकेट की समझ उन्हें आज भी टीवी स्क्रीन पर सबसे भरोसेमंद चेहरों में शुमार करती है। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गावस्कर ने ऐसा कदम उठाया जिसने उन्हें सिर्फ एक पूर्व खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योर के रूप में स्थापित कर दिया।
1985 में जब भारत में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट जैसी चीज़ों की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी, तब सुनील गावस्कर ने देश की पहली प्रोफेशनल स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी की नींव रखी। यह कंपनी सिर्फ खिलाड़ियों की मैनेजमेंट सर्विस तक सीमित नहीं रही,बल्कि उसने स्पॉन्सरशिप डील्स, इवेंट ऑर्गनाइजेशन, ब्रांड पार्टनरशिप्स जैसे क्षेत्रों में भी बड़ी भूमिका निभाई।
क्रिकेट के सम्मान और खिलाड़ियों की निरंतर परफॉर्मेंस को मान्यता देने के लिए जो CEAT क्रिकेट रेटिंग और अवॉर्ड्स आज एक प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं,उनकी कल्पना और संचालन की बागडोर भी इसी कंपनी के पास है। आज यह अवॉर्ड न केवल खिलाड़ियों को पहचान देता है, बल्कि परफॉर्मेंस डेटा और विश्लेषण को भी नई दिशा देता है।
पब्लिश्ड April 16th 2025, 23:13 IST