अपडेटेड 25 July 2025 at 15:57 IST
'ड्रामा कर रहे ऋषभ पंत, टाइम आउट कर देना चाहिए था...' अंग्रेजों ने की घटिया हरकत, मैनचेस्टर टेस्ट में बवाल!
Rishabh Pant Injury: ऋषभ पंत लंगड़ाते हुए मैदान पर उतरे और बहादुरी से इंग्लिश गेंदबाजों का सामना किया। एक तरफ जहां ज्यादातर फैंस उनकी साहसी पारी की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी और इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी डेविड लॉयड ने हैरान करने वाला खुलासा किया है।
- खेल समाचार
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Rishabh Pant Injury: भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में सीरीज का चौथा टेस्ट खेला जा रहा है। ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले जा रहे मैच में टीम इंडिया के स्टार विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत चर्चा का विषय बने हुए हैं। पहले दिन बैटिंग के दौरान उनके पैर पर गेंद लगी और वो बुरी तरह चोटिल हो गए। वो काफी दर्द में थे और उन्हें एम्बुलेंस से मैदान के बाहर ले जाया गया। स्कैन से पता चला कि उनके दाहिने पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर है और रिपोर्ट के अनुसार उन्हें ठीक होने में 6 हफ्ते लगेंगे।
दूसरे दिन टीम इंडिया को संकट में देख ऋषभ पंत ने दर्द को भूलकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वो लंगड़ाते हुए मैदान पर उतरे और बहादुरी से इंग्लिश गेंदबाजों का सामना किया। एक तरफ जहां ज्यादातर फैंस उनकी साहसी पारी की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी और इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी डेविड लॉयड ने हैरान करने वाला खुलासा किया है।
'बड़ी चोट का नाटक कर रहे ऋषभ पंत'
पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर डेविड लॉयड ने टॉकस्पोर्ट क्रिकेट से बात करते हुए जो खुलासा किया उसके बारे में जानकर भारतीय फैंस का खून खौल उठेगा। उन्होंने कहा, ''मुझे कभी मेटाटार्सल की चोट नहीं लगी, जो मुझे लगता है कि ऋषभ पंत को देखकर पैर में कहीं होती है। एंडी रॉबर्ट्स के खिलाफ मेरा हाथ टूट गया था और गाल की हड्डी टूट गई थी। मैं उसके बाद बल्लेबाजी नहीं कर सका था। हां, मेरी उंगली में एक बार चोट लगी थी तब मैंने खेलना जारी रखा था।''
डेविड लॉयड ने आगे कहा कि ऋषभ पंत का मैदान पर आना वाकई बहादुरी भरा कदम था। हालांकि, आज मैं जिस लीजेंड्स लाउंज में था, वहां के लोगों की राय अलग थी। आम सहमति यही थी कि 'वह इस चोट का फायदा उठा रहे हैं। यह इतनी बुरी नहीं हो सकती। उन्होंने इसका फायदा उठाया है, उन सीढ़ियों से उतरते हुए, और एक-दो लोगों ने कहा, 'उन्हें टाइम आउट कर देना चाहिए।'
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ICC के नियम पर भी सवाल
ऋषभ पंत की चोट की घटना ने बाहरी चोटों के लिए क्रिकेट में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों के इस्तेमाल पर भी बहस छेड़ दी है। लॉयड ने कहा कि वह खेल में इस तरह के नियम में बदलाव के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा- मैं रनर के खिलाफ हूं, लेकिन बाहरी चोट के लिए मैं रिप्लेसमेंट का समर्थक हूं। इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, सचमुच। लेकिन अगर बाहरी चोट है, ब्रेक है और मेडिकल तौर पर वह छह हफ्तों तक फिट नहीं हो पाता, तो आप एक समान विकल्प रख सकते हैं। तो यह एक और बात है जिस पर आपको विचार करना होगा। हालांकि, बल्लेबाज की जगह स्पिनर को लाना इसका मतलब नहीं है।
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Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 25 July 2025 at 15:57 IST