अपडेटेड 28 December 2024 at 13:54 IST
Nitish Reddy Profile: नौकरी छोड़ी... दुख झेला नहीं होने दी बेटे को कोई कमी... भावुक कर देगी नीतीश रेड्डी के पिता की कुर्बानी
नीतीश जैसे-जैसे सेंचुरी के पास पहुंच रहे थे उनके पिता के आंसू उतनी तेजी से निकल रहे थे और आखिर में जब उन्होंने शतक जड़ा उनके पिता स्टैंड्स में रोने लगे।
- खेल समाचार
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Nitish Reddy Hundred: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट में तीसरे दिन सांसे रोक देने वाला रोमांच देखने को मिला। टीम इंडिया की ओर से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में डेब्यू कर रहे 21 साल के नीतीश कुमार रेड्डी ने पहले इंटरनेशनल टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा।
नीतीश जिस वक्त मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई टीम से अकेला मोर्चा लेते हुए अपनी सेंचुरी की ओर बढ़ रहे थे उस वक्त उनके पिता भी स्टेडियम में मौजूद थे। नीतीश जैसे-जैसे सेंचुरी के पास पहुंच रहे थे उनके पिता के आंसू उतनी ही तेजी से निकल रहे थे और आखिर में जब रेड्डी ने अपना शतक जड़ा तो वे उनके पिता स्टैंड्स में फूट-फूटकर रोने लगे।
8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए नीतीश ने जड़ा शतक
नीतीश रेड्डी टीम इंडिया की ओर से 8वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। पहले उन्होंने टीम को फॉलोऑन से बचाया उसके बाद अपना अर्द्धशतक पूरा किया। नीतीश के इस सफर में वॉशिंगटन सुंदर ने उनका खूब साथ निभाया। रेड्डी ने 171 गेंदों में शतक कंप्लीट किया। इस दौरान उन्होंने 10 चौके और एक छक्का लगाया। नीतीश के शतक लगाने के बाद उनके पिता की आंखों से आंसू झलक पड़े। उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर पिता का शुक्रिया अदा किया।
नीतीश के पिता ने किए कई त्याग
नीतीश कुमार रेड्डी के क्रिकेटर बनने के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। नीतीश के पिता ने अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी लेकिन इसके बावजूद बेटे को किसी तरह की कमी नहीं होने दी। 21 साल के युवा क्रिकेटर आंध्र प्रदेश के रहने वाला है।
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नीतीश ने किस उम्र से खेलना शुरु किया?
नीतीश के पिता मुत्याला रेड्डी हिंदुस्तान जिंक कंपनी में काम करते थे। नीतीश जब पांच साल के थे, तभी से प्लास्टिक के बल्ले से क्रिकेट खेलने लगे थे। विशाखापत्तनम के क्रिकेट स्टेडियम में अक्सर जाया करते थे। नीतीश के क्रिकेट के प्रति जुनून को देखते हुए उनके पिता ने उनके करियर के लिए बहुत बड़ा त्याग किया।
नीतीश के पिता ने दिया बड़ा बलिदान
नीतीश 12-13 साल के थे, तब उनके पिता का उदयपुर ट्रांसफर हो गया था। मुत्याला रेड्डी को लगा कि ट्रांसफर के बाद नीतीश का क्रिकेट करियर प्रभावित हो सकता है। उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। उन्हें डर था कि कहीं राजनीति की वजह से नीतीश का करियर खराब न हो जाए। इसलिए उन्होंने नीतीश के क्रिकेट पर पूरा ध्यान दिया। इस फैसले के लिए उन्हें रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों की आलोचना का सामना करना पड़ा। लोग उनके फैसले पर सवाल उठाते थे लेकिन मुत्याला रेड्डी अपने लक्ष्य पर अडिग रहे।
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नीतीश रेड्डी के बचपन का सपना पूरा
नीतीश रेड्डी की प्रतिभा को सबसे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर एमएसके प्रसाद ने पहचाना। एक अंडर-12 और अंडर-14 लोकल मैच के दौरान एमएसके प्रसाद की नजर नीतीश पर पड़ी। उनकी मदद से नीतीश को आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन में जगह मिली। 17 साल की उम्र में नीतीश ने आंध्र प्रदेश के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना शुरू किया और आज नीतीश रेड्डी ने अपने बचपन का सपना पूरा करते हुए टीम इंडिया के लिए अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी जड़ी।
IPL में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हैं रेड्डी
IPL 2023 में सनराइजर्स हैदराबाद ने नीतीश को 20 लाख रुपये में खरीदा। इस सीजन में उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन IPL 2024 में नीतीश ने 13 मैचों में 303 रन बनाए और 3 विकेट भी लिए। इस शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम इंडिया में जगह मिली। बांग्लादेश के खिलाफ टी20 में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद ऑलराउंडर के रूप में उन्हें बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में जगह मिली।
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 28 December 2024 at 13:54 IST