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Published 23:01 IST, September 23rd 2024

लंकाशर काउंटी के CEO ने घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए BCCI की तारीफ की

इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट टीम लंकाशर के CEO डेनियल गिडने ने भारतीय क्रिकेटरों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने को जरूरी बनाने के BCCI के फैसले की तारीफ की है।

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Duleep Trophy | Image: X

Cricket News: इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट टीम लंकाशर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डेनियल गिडने ने भारतीय क्रिकेटरों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने को जरूरी बनाने के BCCI (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के फैसले की तारीफ करते हुए अपने देश के खिलाड़ियों के रेड बॉल फॉर्मेट की जगह फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह देने पर निराशा जताई।

गिडने ने इस समस्या के लिए खिलाड़ियों के एजेंट (प्रतिनिधि) को दोष देते हुए कहा कि इससे इंग्लिश काउंटी चैम्पियनशिप के भविष्य को खतरा है। BCCI ने रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को छोड़कर सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए रणजी और दलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों में खेलना अनिवार्य कर दिया है। ये खिलाड़ी जब चोटिल या राष्ट्रीय टीम के साथ नहीं होते है तो उनके लिए घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी है।

श्रेयस-ईशान को भुगतना पड़ा था खामियाजा

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को घरेलू क्रिकेट की जगह IPL को तरजीह देने के कारण BCCI के सालाना अनुबंध से हाथ धोना पड़ा था। किशन ने पिछले सत्र में एक भी रणजी मैच नहीं खेला था जबकि अय्यर ने फाइनल सहित नॉकआउट चरण के मुकाबले खेले थे। 

BCCI के इस फैसले की काफी तारीफ हुई थी। क्रिकेट प्रशासन के सबसे लंबे समय तक सेवारत सीईओ में से एक गिडने ने कहा, ‘‘ आप इसकी कल्पना कर के देखिये कि कोई संचालन संस्था इतने साफ तरीके से अपनी बातों को रखता है। इस तरह से प्राथमिकता देना शानदार है।’’

घरेलू क्रिकेट पर खुलकर होनी चाहिए बात

उन्होंने एक बयान में कहा कि इंग्लैंड में खिलाड़ियों से जुड़े एजेंटों को घरेलू क्रिकेट की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस बारे में खुल कर बात करनी चाहिए। प्रशंसक कोच और प्रशासन से जुड़े लोगों को दोषी करार देते है लेकिन अगर कोई असली दोषी है तो वह इन खिलाड़ियों के एजेंट हैं।‘‘

उन्होने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि चैंपियनशिप का समर्थन करने का तरीका खोजने के लिए खेल के हितधारकों को एक साथ आने की जरूरत है।’’

गिडने ने कहा, ‘‘इंग्लैंड के खिलाड़ियों को चैंपियनशिप में खेलने की ज़रूरत नहीं है, एजेंटों को चैंपियनशिप की परवाह नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों का पारिश्रमिक बढ़ाने के साथ फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उनकी भागीदारी को सीमित कर के इस समस्या से निपटा जा सकता है। 

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Updated 23:01 IST, September 23rd 2024