अपडेटेड 30 October 2025 at 23:51 IST

47 साल का सफर और पहली ट्रॉफी का इंतजार, क्या 'विमेन इन ब्लू' रचेगी इतिहास?

भारतीय महिला टीम ने दो बार रनर अप का खिताब जीता है, और अब 2025 के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उतरने के लिए तैयार है। पूरे देश को उम्मीद है कि इस बार 'विमेन इन ब्लू' इतिहास रचेगी और अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी घर लाएगी।

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indian women in blue
indian women in blue | Image: BCCI

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के फाइनल में पहुंचकर एक बार फिर देश का सिर ऊंचा कर दिया है। यह तीसरी बार है जब टीम इंडिया महिला क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में पहुंची है। इसके साथ ही टीम इंडिया के पास पहली बार विश्व चैंपियन बनने का एक और सुनहरा मौका है। 1978 में अपने पहले टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से लेकर 2025 में फाइनल तक पहुंचने तक, भारतीय महिला टीम का यह सफर संघर्ष, जुझारूपन और प्रेरणा से भरा रहा है।

1978: भारतीय महिलाओं का पहला क्रिकेट विश्व कप

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार 1978 में महिला वनडे विश्व कप में भाग लिया, जिसकी मेजबानी भारत ने ही की थी। यह टूर्नामेंट केवल चार टीमों के बीच राउंड-रॉबिन फॉरमेट में खेला गया था। अपने पहले विश्व कप में भारतीय टीम कोई मैच नहीं जीत पाई और पॉइंट टेबल में सबसे नीचे रही।

शुरुआती संघर्ष (1982 - 1993)

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1982 में टीम का प्रदर्शन खास नहीं रहा और वह लीग स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाई। 1988 में भारत ने इस संस्करण में भाग नहीं लिया। 1993 में इस विश्व कप में भी टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई, हालांकि टीम ने कुछ छोटी टीमों के खिलाफ जीत दर्ज की।

1997: पहला सेमीफाइनल 

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1997 में जब विश्व कप की मेजबानी भारत ने फिर से की, तो टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने ग्रुप स्टेज में दो जीत दर्ज कर पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई। लेकिन, सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 19 रनों से हराकर फाइनल में पहुंचने का सपना तोड़ दिया।

2005: पहला फाइनल 

यह वह वर्ष था जब भारतीय महिला क्रिकेट को एक नई पहचान मिली। मिताली राज की कप्तानी में, टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया और पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची। सेमीफाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को 40 रनों से हराया। फाइनल में उनका सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ। इस बड़े मुकाबले में भारतीय टीम 215 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए केवल 117 रनों पर ऑलआउट हो गई।

2017: हरमनप्रीत की जादुई पारी और फाइनल में दिल टूटना

यह विश्व कप भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास का एक और महत्वपूर्ण अध्याय था। कप्तान मिताली राज के नेतृत्व में टीम ने असाधारण प्रदर्शन किया। ग्रुप स्टेज में लगातार चार जीत दर्ज की। सेमीफाइनल में टीम का सामना एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया से हुआ। इस मैच में हरमनप्रीत कौर ने 115 गेंदों पर नाबाद 171 रनों की तूफानी पारी खेलकर पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हराकर दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में लॉर्ड्स के मैदान पर भारत का मुकाबला मेजबान इंग्लैंड से हुआ। भारत को खिताब जीतने के लिए केवल 229 रन बनाने थे, लेकिन रोमांचक मुकाबले में टीम 10 रनों से चूक गई। इस हार से भले ही करोड़ों फैंस का दिल टूटा हो, लेकिन इस प्रदर्शन ने देश में महिला क्रिकेट को अभूतपूर्व लोकप्रियता दिलाई।

2022: निराशाजनक प्रदर्शन

न्यूजीलैंड में हुए इस विश्व कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। टीम लीग स्टेज में सात मैचों में से केवल तीन जीत पाई और सेमीफाइनल में पहुंचने से चूक गई।

2025: तीसरी बार फाइनल और पहली ट्रॉफी का मौका

घरेलू मैदान पर हो रहे इस विश्व कप में भारतीय टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला वनडे विश्व कप इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज पूरा किया और 5 विकेट से जीत दर्ज कर तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई। जेमिमा रोड्रिग्स की 127 रनों की नाबाद पारी और हरमनप्रीत के 89 रन निर्णायक रहे।

भारतीय महिला टीम ने दो बार रनर अप का खिताब जीता है, और अब 2025 के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ उतरने के लिए तैयार है। पूरे देश को उम्मीद है कि इस बार 'विमेन इन ब्लू' इतिहास रचेगी और अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी घर लाएगी।

यह भी पढ़ें- IND W vs AUS W: विश्व कप के फाइनल में पहुंची टीम इंडिया, जेमिमा-हरमनप्रीत की साझेदारी से बना रन चेज का नया रिकार्ड

Published By : Subodh Gargya

पब्लिश्ड 30 October 2025 at 23:36 IST