अपडेटेड 7 November 2024 at 23:26 IST
'राइट भारत के आदर्श कोच थे, चैपल और कुंबले ऐसा करने में विफल रहे'; पाटिल का बड़ा बयान
भारत की 1983 की विश्व चैंपियन टीम के सदस्य और सिलेक्शन कमेटी के पूर्व अध्यक्ष संदीप पाटिल ने पूर्व भारतीय कोचों चैपल और कुंबले को लेकर बड़ा बयान दिया है।
- खेल समाचार
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Indian Cricket: भारत की 1983 की विश्व चैंपियन टीम के सदस्य और सिलेक्शन कमेटी के पूर्व अध्यक्ष संदीप पाटिल का मानना है कि जॉन राइट भारतीय कोच के रूप में इसलिए सफल रहे, क्योंकि उन्होंने खिलाड़ियों को खुली छूट दी, जबकि उनके उत्तराधिकारी ग्रेग चैपल और अनिल कुंबले ऐसा करने में असफल रहे।
पाटिल ने ये आकलन अपनी आत्मकथा ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज़’ में किया है जिसका बुधवार को विमोचन किया गया। पाटिल को उथल-पुथल वाले चैपल युग की कई घटनाओं की जानकारी थी, क्योंकि वो भारत ए के तत्कालीन कोच के रूप में चयन और बोर्ड बैठकों में भाग लेते थे।
पाटिल ने लिखा है-
भारत में 2000 के बाद विदेशी कोच और सहायक स्टाफ रखने का चलन शुरू हुआ। इससे काफी लाभ हुआ, क्योंकि भारत का विदेशी रिकॉर्ड लगातार बेहतर हुआ है। ये सब जॉन राइट के भारत के पहले विदेशी कोच बनने के साथ शुरू हुआ। मुझे लगता है कि जॉन भारत के लिए आदर्श कोच थे। वो मृदुभाषी, विनम्र, अच्छे व्यवहार वाले थे, हमेशा अपने तक ही सीमित रहते थे और सौरव गांगुली के साए में रहकर खुश थे। वो शायद ही कभी खबरों में रहे, जबकि ग्रेग चैपल इसके विपरीत थे। वो हर दिन खबरों में रहते थे।
पाटिल का मानना है कि राइट के लिए हर खिलाड़ी बराबर था और उनके लिए टीम सर्वोपरि थी। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है-
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राइट के कार्यकाल के दौरान सीनियर या जूनियर जैसा कोई मामला नहीं था। ये एक टीम थी। उनका मानना था कि सभी सीनियर खिलाड़ी किसी न किसी तरह से नेतृत्वकर्ता हैं। उन्होंने उन्हें सम्मान दिया और खुली छूट दी। मुझे लगता है कि अनिल कुंबले ऐसा नहीं कर पाए और ग्रेग चैपल भी।
बता दें कि सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में एक भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त साउथ अफ्रीका में है, जो मेजबान टीम के खिलाफ 4 मैचों की T20 सीरीज खेलने वाली है।
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Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 7 November 2024 at 23:24 IST