अपडेटेड 19 February 2024 at 18:37 IST

यशस्वी जायसवाल की पानी-पूरी वाली बात छोड़िए, कैसे पड़ी मेहनत की आदत? डबल सेंचुरी के बाद खोला नया राज

भारतीय युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में डबल सेंचुरी के बाद बड़ा राज खोला है। जायसवाल ने अपनी मेहनत का राज बताया है।

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Yashasvi Jaiswal on His Hard Working Mentality
यशस्वी जायसवाल ने अपनी मेहनत का राज बताया | Image: BCCI

Yashasvi Jaiswal comment on his hard-working Mentality after Hit Double Century: राजकोट (Rajkot) में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच (3rd Test Match) में भारत (India) की इंग्लैंड (England) के खिलाफ बड़ी जीत के बाद हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम, यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal)। 22 साल के इस नौजवान ने इंग्लैंड (England) के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच (3rd Test Match) में वो कर दिखाया, जो बड़े-बड़े दिग्गज करते हैं। 

युवा सलामी बल्लेबाज जायसवाल (Jaiswal) ने राजकोट टेस्ट (Rajkot Test) में इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई और जबरदस्त दोहरा शतक जड़ा डाला। यशस्वी की इस ऐतिहासिक पारी के बाद हर कोई उनका मुरीद हो गया है। लगातार दूसरे टेस्ट मैच में डबल सेंचुरी जड़कर यशस्वी ने न केवल अंग्रेजों की हवा टाइट की, बल्कि ये भी बता दिया कि ये दौर उनका है। मैच के बाद जायसवाल ने एक अवॉर्ड भी जीता और इसके बाद उन्होंने ब्रॉडकॉस्टर से बात की। एक समय पर पानी-पूरी बेचने वाले यशस्वी जायसवाल को मेहनत की आदत कैसे पड़ी? युवा स्टार बल्लेबाज ने इसका राज खोला। 

मैच के बाद क्या बोले यशस्वी जायसवाल? 

मैच के बाद यशस्वी जायसवाल ने मेहनती मानसिकता के बारे में बात की। उन्होंने कहा- 

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भारत में आपको बस, ट्रेन या ऑटो में चढ़ने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और मैं बचपन से ही ये देखता आया हूं, इससे मुझे मेहनती मानसिकता बनाने में बहुत मदद मिली है।

बता दें कि भारतीय क्रिकेट की नई सेंसेशन बने यशस्वी जायसवाल ने संघर्ष के एक लंबे दौर का सामना किया है। उन्होंने गोल-गप्पे तक बेचे हैं, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। बस आगे बढ़ते गए और आज वो रिकॉर्डधारी बन चुके हैं।

यशस्वी बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। भदोही के सुरियांवा में जन्मे यशस्वी पर क्रिकेट का जुनून इस कदर हावी था कि वो सचिन जैसा क्रिकेटर बनना चाहता थे। शुरू में सीमेंट के पिच पर पिता ने क्रिकेट की एबीसीडी सिखाई. हालांकि बाद में उनके चाचा ने यशस्वी को 11 साल की उम्र में अपने पास मुंबई बुला लिया। यहीं से शुरू हुआ यशस्वी के संघर्ष का सफर। मुंबई में उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कैंटीन और डेयरी की दुकान पर काम करने के साथ गोलगप्पे भी बेचे, लेकिन कदम पीछे नहीं खींचे और अब वो भारतीय क्रिकेट के चमकता सितारा बन चुके हैं। 

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यशस्वी ने बनाए कई रिकॉर्ड

इंग्लैंड के खिलाफ इस दोहरे शतक के साथ यशस्वी ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। यशस्वी विनोद कांबली और विराट कोहली के बाद तीसरे ऐसे भारतीय बने हैं, जिसने टेस्ट में बैक टू बैक दोहरा शतक लगाया है। वहीं उन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में किसी भारतीय की ओर से सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। यशस्वी ने इस पारी में 12 छक्के लगाए और नवजोत सिंह सिद्धू का 8 छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। वहीं यशस्वी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक सीरीज में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बन गए। यशस्वी ने इस सीरीज में अब तक 20 छक्के लगाए हैं। 

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Published By : DINESH BEDI

पब्लिश्ड 19 February 2024 at 18:32 IST