अपडेटेड 5 December 2024 at 16:56 IST
'एडिलेड में 2020 की शर्मनाक हार का...' पिंक बॉल टेस्ट से पहले क्या बोले पूर्व भारतीय कोच शास्त्री?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट में अब सिर्फ एक दिन बचा है और इससे पहले पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री ने बड़ा बयान दिया है।
- खेल समाचार
- 3 min read

AUS v IND: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि 2020 में एडिलेड (Adelaide) में भारत का अपने न्यूनतम स्कोर पर सिमटना अब इतिहास की बात है, लेकिन टीम इंडिया (Team India) शुक्रवार से ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ जब डे नाइट टेस्ट खेलने उतरेगी तो ये बात खिलाड़ियों के दिमाग में रहनी चाहिए। शास्त्री उस सीरीज में भारत के कोच थे।
विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में अपने सबसे कम 36 रन के स्कोर पर सिमट गई थी, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीता था।
भारत की इस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया को सीरीज जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन मेहमान टीम ने शानदार वापसी करते हुए 4 टेस्ट मैचों की सीरीज 2-1 से जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर फिर कब्जा जमाया।
एडिलेड टेस्ट से पहले क्या बोले शास्त्री?
Advertisement
शास्त्री ने ICC रिव्यू में कहा-
मुझे नहीं लगता कि ये (एडिलेड में पिछली हार) कोई भूमिका निभाएगी, लेकिन ये उनके दिमाग में होना चाहिए, क्योंकि आप जानते हैं कि पिंक बॉल से चीजें बहुत तेजी से होती हैं।
5 मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे चल रहा भारत भारत शुक्रवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में मेजबान टीम से भिड़ेगा। शास्त्री ने कहा-
Advertisement
आपने महसूस किया होगा कि खेल के एक सत्र में अगर चीजें आपके अनुकूल नहीं होती और गेंदबाजी अच्छी होती है तो चीजें तेजी से हो सकती हैं।
शास्त्री ने कहा कि मैच में भारत की हार एक अजीब बात थी और उन्होंने अपने चार दशक के क्रिकेट में कभी गेंद को बल्ले का किनारा लेकर इतनी बार फील्डर्स के पास जाते नहीं देखा। उन्होंने कहा-
उन 36 रन के बाद हमने जो किया, जैसा कि मैंने उस समय कहा था। मैंने पहले कभी नहीं देखा था और मैंने ड्रेसिंग रूम में भी यही कहा था। मैंने खेलने के प्रयास में चूकने की जगह इतनी बार खेलने का प्रयास करते हुए बल्ले का किनारा लेते हुए नहीं देखा था और मैंने लगभग 40 सालों तक क्रिकेट देखा है। ईमानदारी से कहूं तो वो एक ऐसा सत्र था, जिसमें शायद ही कोई खिलाड़ी खेला और गेंद को खेलने से चूका। अगर उसने कुछ भी किया तो गेंद बल्ले के किनारे पर जा लगी। गेंद बल्ले पर लगने से चूक नहीं रही थी। आप जानते हैं, गेंदबाज दुर्भाग्यशाली होते हैं... उस दिन सिर्फ बल्लेबाजों का दुर्भाग्य था।
रवि शास्त्री की कोचिंग में तब भारत ने मेलबर्न में सीरीज बराबर की और सिडनी में संघर्षपूर्ण ड्रॉ खेला। चोटों से परेशान मेहमान टीम ने अजिंक्य रहाणे की अगुआई में ब्रिसबेन में शानदार जीत हासिल कर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : DINESH BEDI
पब्लिश्ड 5 December 2024 at 16:56 IST