Published 22:45 IST, September 10th 2024
अनवर 4 महीने के लिए बैन, मोहन बागान मुआवजे का हकदार; AIFF का बड़ा फैसला
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने भारत के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी अनवर अली पर 4 साल का बैन लगा दिया है और मोहन बागान को मुआवजे का हकदार बताया है।
Football News: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने मंगलवार को भारत के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अनवर अली को मोहन बागान के साथ अपने चार साल के अनुबंध को अवैध रूप से समाप्त करने का ‘दोषी’ मानते हुए रक्षापंक्ति के इस खिलाड़ी को क्लब फुटबॉल से चार महीने के लिए निलंबित कर दिया।
एआईएफएफ ने इसके साथ ही कहा कि इस मामले में मोहन बागान 12.90 करोड़ रुपये के मुआवजे का हकदार है।
एआईएफएफ की प्लेयर्स स्टेटस कमेटी (पीएससी) ने अपने फैसले में अनवर के मूल क्लब दिल्ली एफसी और ईस्ट बंगाल को दो ट्रांसफर विंडो 2024-25 शीतकालीन और 2025-26 ग्रीष्मकाल के लिए खिलाड़ियों को पंजीकृत करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। अनवर ने मोहन बागान के साथ अपने करार को खुद खत्म कर ईस्ट बंगाल के साथ पांच साल का अनुबंध कर लिया था।
इसके बाद मोहन बागान ने एआईएफएफ की पीएससी के पास शिकायत दर्ज करके फैसले को चुनौती दी।
एआईएफएफ पीएससी ने अपने फैसले में कहा कि अनवर अली, ईस्ट बंगाल और दिल्ली एफसी सभी मुआवजे की राशि के लिए संयुक्त रूप से ‘उत्तरदायी’ हैं, जिसमें अनुबंध के शेष मूल्य के लिए 8.40 करोड़ रुपये, ऋण समझौते के तहत दिल्ली एफसी को पहले ही भुगतान किए गए दो करोड़ रुपये और ‘क्लब को हुए अन्य नुकासान’ के लिए 2.50 करोड़ रुपये शामिल हैं।’’
एआईएफएफ प्लेयर्स स्टेटस कमेटी के उप प्रमुख् सावियो मेसियस द्वारा हस्ताक्षरित छह पन्नों के फैसले के मुताबिक, ‘‘ अनुच्छेद 20.4 के अनुसार, खिलाड़ी को चार महीने की अवधि के लिए आधिकारिक मैचों में खेलने से प्रतिबंधित किया जाता है, यह अवधि इस निर्णय की अधिसूचना की तारीख से शुरू होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अनुच्छेद 20.3 के तहत समिति उपरोक्त राशि (12.90 करोड़ रुपये) के लिए तीनों पक्षों यानी अनवर अली, ईस्ट बंगाल एफसी और दिल्ली एफसी को संयुक्त और पृथक रूप से उत्तरदायी मानती है।’’
इसमें कहा गया है कि एआईएफएफ पीएससी के फैसलों के खिलाफ एआईएफएफ अनुशासनात्मक संहिता में निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर एआईएफएफ अपील समिति में अपील की जा सकती है।
दिल्ली एफसी के सह-मालिक पहले ही कह चुके है कि वह एआईएफएफ पीएससी के फैसले को चुनौती देंगे।
उन्होंने एक सितंबर को ट्विटर पर लिखा था, ‘‘ पीएससी का फैसला कोई अंतिम निर्णय नहीं है और ना ही अंतिम निर्णय पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा। इसलिए किसी को भी बहुत खुश या बहुत दुखी नहीं होना चाहिए । पीएससी एक प्रारंभिक निकाय है और इसके सभी आदेशों के खिलाफ अपील की जा सकती है। यह कुछ समय तक चलता रहेगा... धैर्य रखे।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 22:45 IST, September 10th 2024