'पूछता है भारत'में आज बात करेंगे भारत में फैल रहे नए नशे की, और ये नशा है REELS का नशा. आपने देखा होगा कि बस में, ट्रेन में, मेट्रो में, हाईवे पर, हवाई अड्डों पर, नदियों के पुल पर, पहाड़ों पर, सड़कों पर, युवा REELS बना रहे हैं. हमारे देश के REELS का नशा ऐसा चढ़ा है कि सोशल मीडिया पर ऐसे-ऐसे REELS आप देख सकते हैं कि जो नैतिकता की लक्ष्मण रेखा लांघते नज़र आ जाते हैं. सोशल मीडिया में ज्यादात्तर REELS ऐसी हैं कि जिसे हम आपको दिखा भी नहीं सकते. लेकिन बिडंबना देखिए ऐसे REELS को ही सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा देखा जाता है. ये REELS देखने वाले और बनाने वाले लोग हमारे ही समाज के हैं. आज हमारे देश में REELS के ज़रिए नए अतिक्रमण का दौर शुरू हो चुका है और ये अतिक्रमण सरकारी ज़मीन पर घर बनाने और कब्ज़ा करने के लिए नहीं. REELS बनाने के लिए युवा सड़कों पर, ट्रेन पर, हाईवे पर, एयरपोर्ट पर अतिक्रमण कर रहे हैं. और इन REELS को बड़ी संख्या में लोग देख भी रहे हैं. वैसे REELS बनाने में सिर्फ युवा ही नहीं नेता, अभिनेता भी शामिल हैं. आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में INSTAGRAM पर 35 करोड़, FACEBOOK पर 38 करोड़ REELS बनाने वाले USERS हैं. मतलब AMERICA की आबादी 33 करोड़ उससे ज्यादा REELS के USERS भारत में हैं. और SNAPCHAT पर 20 करोड़ REELS के USERS हैं. REELS बनाने वाले पर अलग-अलग राज्यों में नियम भी बनाए गए हैं, लेकिन नियमों का युवाओं पर कोई असर नहीं हो रहा है. भारत में INSTAGRAM और FACEBOOK पर हर दिन 140 करोड़ बार REELS चलाई जाती हैं. मतलब देश की जितनी आबादी है उतनी बार REELS चलाई जाती हैं. इतना ही नहीं भारत में एक व्यक्ति औसतन 2 घंटे 32 मिनट से ज्यादा REELS पर वक्त देता है. भारत भले ही चावल उत्पान में दूसरे नंबर पर है, लेकिन REELS बनाने और देखने में नंबर वन है.