पब्लिश्ड Jun 27, 2025 at 8:54 PM IST

पूछता है भारत with Arnab Goswami: समाजवाद-सेक्युलरिज्म पर सियासी घमासान! | BJP Vs Congress

समाजवाद और सेक्युलरिज्म ये दो शब्द उस समय संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे जब देश में आपातकाल लागू था और सत्ता इंदिरा गांधी के हाथों में थी। अब इन शब्दों को संविधान से हटाने की मांग उठने लगी है, और ये मांग आरएसएस के नंबर दो पद पर मौजूद दत्तात्रेय होसबोले ने की है। आरएसएस का तर्क है कि बाबा साहेब आंबेडकर के मूल संविधान में ये शब्द शामिल नहीं थे, बल्कि आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों को कुचलते हुए इन्हें जबरन जोड़ा गया था।

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