पब्लिश्ड 4 मार्च 2024 अत 10:36 pm ईस्ट

लालू पर बरसे मोदी!

चुनाव करीब है. तो दनादन सियासी पार्टियां वादे पर वादे कर रही है. कोई पैसे बांट रहा है तो कोई फ्री में बिजली-पानी देने का वचन दे रहा है. चुनाव निकट हो तो सियासी पार्टियों का ऐसा करना कोई नहीं बात नहीं है लेकिन सवाल ये है कि इन वादों को कौन खरा उतरता है? वैसे पीएम वादों को पूरा करने के लिए गारंटी दे रहे हैं . विपक्ष भी जनता को लुभाने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहा है. लेकिन अब तक का जो रिकॉर्ड है वो निराशाजनक है. विपक्ष वादे तो हजार करता है लेकिन पूरा एक या दो ही कर पाता है। 2024 चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है तो वादों का पिटारा भी खुल चुका है. वोट पाने के लिए ना जाने अभी कितने वादे किए जाएंगे लेकिन सवाल ये है कि क्या वादों से पब्लिक की परेशानी खत्म हो जाएगी? सवाल ये भी है कि क्या चुनाव से पहले  वादा करना सियासी पार्टियों की आदत सी बन गई है? और सबसे बड़ा सवाल ये है कि मोदी की गारंटी के सामने विपक्ष के वादें टिक पाएंगे? 

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