महाभारत: आईपीएल में RCB की 18 साल बाद मिली ऐतिहासिक जीत अब एक दुखद हादसे की वजह से दागदार हो चुकी है, जिसे लोग आने वाले कई दशकों तक नहीं भूल पाएंगे। 11 लोगों की मौत सीधी तौर पर सिद्धारमैया सरकार की नाकामी का परिणाम मानी जा रही है। सबसे ज्यादा शर्मनाक वो तस्वीरें रहीं, जिनमें हादसे के बाद भी स्टेडियम के अंदर वीवीआईपी्स के लिए तालियां बजती रहीं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी सेल्फी लेने में इतने व्यस्त थे कि उन्हें जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी तक याद नहीं रही। 10 लाख की आर्थिक मदद और मुफ्त इलाज से अब जनता की नाराजगी शांत नहीं होगी। क्या जनता सिर्फ चुनावों तक ही जनार्दन मानी जाती है? उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी एक गैरजिम्मेदाराना बयान देकर खुद को इस मामले से अलग कर लिया, और अब बाकी सभी भी पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। महाकुंभ की भगदड़ का उदाहरण देकर जवाब देने की कोशिश हो रही है, लेकिन सवाल यह है — क्या इंसान की जिंदगी इतनी सस्ती हो गई है?