चुटकुले और कविताओं से सबको ठहाके लगाने पर मजबूर करने वाले काका हाथरसी की जन्मभूमि और कर्मभूमि, हाथरस अब राजनीति में अलग ही गर्माहट पैदा करती नजर आ रही है। कहने को तो हाथरस में मसाले भी बनते हैं लेकिन हाथरस की चुनावी हींग इस बार के लोकसभा चुनाव का रुख तय कर रही है। हाथरस की पश्चिमी उत्तर