अपडेटेड 22 January 2024 at 06:08 IST
22 जनवरी को नहीं जा सकते अयोध्या, तो घर पर इस तरह करें भगवान राम की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त
Ram Mandir Pran Pratistha: अगर आप प्राण प्रतिष्ठा पर प्रभु श्रीराम का आर्शीवाद पाना चाहते हैं तो घर पर ही शुभ मुहूर्त में विधि विधान से उनकी पूजा करें।
- धर्म और अध्यात्म
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Ram Mandir Ayodhya: सदियों का इंतजार और संघर्ष अब खत्म होने को हैं। 22 जनवरी 2024 का दिन इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से दर्ज होने के लिए तैयार हैं। दोपहर 12 बजकर 20 मिनट रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। वैसे तो हर रामभक्त ही अयोध्या जाकर इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनना चाहता है, लेकिन हर कोई वहां नहीं जा सकता। हालांकि सभी अपने घर पर रहकर 22 जनवरी के दिन प्रभु श्रीराम का आर्शीवाद जरूर पा सकते हैं।
भगवान राम को श्री हरि का अवतार माना जाता हैं। शास्त्रों में राम नाम की महिमा बताई गई है। मान्यताएं हैं कि मात्र भगवान राम का नाम लेने से ही जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप प्राण प्रतिष्ठा पर प्रभु श्रीराम का आर्शीवाद पाना चाहते हैं तो घर पर ही शुभ मुहूर्त में विधि विधान से उनकी पूजा करें।
इस दिन बन रहे अद्भुत संयोग
राम मंदिर के उद्घाटन के लिए 22 जनवरी के दिन को इसलिए चुना गया है, क्योंकि ये बेहद ही शुभ दिन है। इस दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की कूर्म द्वादशी है। विष्णु पुराण के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने कूर्म यानि कछुआ का अवतार लिया और समुद्र मंथन में सहायता की थी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग,अमृत सिद्धि योग और रवि योग कै शुभ योगों भी बन रहे हैं।

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पूजा का शुभ मुहूर्त
22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट के बीच रहेगा। आप भी इस दौरान घर पर राम जी की पूजा कर उनका आर्शीवाद पा सकते हैं।
कैसे करें प्रभु श्रीराम की पूजा?
प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर घर पर प्रभु श्रीराम की पूजा करने के लिए सबसे पहले प्रात: उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़ें पहनें। घर में बने मंदिर की साफ सफाई करें और गंगाजल छिड़कें। वहां एक चौकी रखें, उस पर लाल कपड़ा बिछाएं और राम दरबार की तस्वीर या मूर्ति की स्थापित करें। भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें। साथ ही इस दौरान फल भी अर्पित करें। राम जी की प्रतिमा के साथ कलश की भी स्थापना करें।
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भगवान राम का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें फूल, रोली, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें। राम जी के साथ इस दौरान हनुमान जी की भी पूजा करें। अंत में राम दरबार की आरती करें। इस दौरान आप अपने घर पर रामयाण या रामचरितमानस का पाठ भी आयोजित कर सकते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 21 January 2024 at 18:51 IST