अपडेटेड 24 December 2024 at 20:52 IST
Tulsi Pujan Diwas 2024: क्रिसमस डे पर क्यों मनाया जाता है तुलसी पूजा दिवस? क्या है दोनों के बीच संबंध
Christmas Day पर Tulsi Pujan Diwas क्यों मनाया जाता है। आज हम इस आर्टिकल में इसी के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं इन दोनों के बीच में क्या संबंध है।
- धर्म और अध्यात्म
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Tulsi Pujan Diwas 2024: हर साल 25 दिसंबर को जब दुनिया भर में क्रिसमस (Christmas) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, उसी दिन भारत में तुलसी पूजा दिवस (Tulsi Puja Diwas) भी मनाया जाता है। तुलसी, जिसे 'विष्णुप्रिया' भी कहा जाता है। इसे हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी (Devi Lakshami) और भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की प्रिय माना गया है। इस दिन विशेष रूप से घरों में तुलसी के पौधे (Tulsi Puja) की पूजा की जाती है, ताकि घर में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहे।
दरअसल, तुलसी पूजा (Tulsi Puja) का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। मान्यता है कि तुलसी के पौधे में दिव्य शक्ति का वास होता है। इसे घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही यह भगवान विष्णु की प्रिय है। ऐसे में इनकी पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्रिसमस के दिन ही तुलसी पूजा दिवस क्यों मनाया (Kyo Manaya Jata Hai Tulsi Puja Diwas) जाता है।
क्या है तुलसी पूजा और क्रिसमस का संबंध? (What is relation between Tulsi Puja and Christmas?)
दिलचस्प बात यह है कि क्रिसमस डे पर तुलसी पूजा (Tulsi Puja) का आयोजन भारत में खासतौर पर उन परिवारों में होता है, जो हिंदू धर्म को मानते हैं। हालांकि क्रिसमस एक ईसाई त्योहार है, लेकिन भारत में एकता और सांस्कृतिक विविधता के कारण इस दिन तुलसी पूजा का महत्व बढ़ जाता है। तुलसी के पौधे को विशेष रूप से इस दिन घर के आंगन या बगीचे में पूजा जाता है, क्योंकि इसे स्वास्थ्य, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
तुलसी पूजा करने के क्या हैं फायदे? (Tulsi Puja Ke Fayde Kya Hai?)
तुलसी पूजा के कई फायदे हैं। यह मानसिक शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। तुलसी के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, तुलसी की पूजा से घर में सकारात्मक वातावरण बनता है और परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ बेहतर रिश्ते बनाए रखते हैं। पूजा के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने, धूप-दीप और कच्चे दूध से पूजा करने की परंपरा है। इसे धार्मिक रूप से शुद्धता और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 24 December 2024 at 20:52 IST