अपडेटेड 27 September 2024 at 18:45 IST

Indira Ekadashi 2024: क्यों रखा जाता है इंदिरा एकादशी व्रत, क्या हैं इसके फायदे?

Ekadashi vrat: पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी बेहद खास मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका व्रत क्यों रखा जाता है? नहीं, आइए जानते हैं।

indira ekadashi 2024
क्यों रखा जाता है इंदिरा एकादशी व्रत? | Image: Instagram

Kyo rakha jata hai indira ekadashi vrat: जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु को समर्पित सभी एकादशियां बहुत ही खास और महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी (indira ekadashi) का बेहद खास महत्व माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। हालांकि यह बहुत कम लोग जानते हैं कि इंदिरा एकादशी का व्रत (indira ekadashi vrat) क्यों किया जाता है और इसके फायदे क्या हैं? आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।  

हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (ekadashi vrat) को रखा जाने वाला इंदिरा एकादशी का व्रत इस बार 28 सितंबर 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। वहीं व्रत का पारण अगले दिन यानी 29 सितंबर 2024 दिन रविवार को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 8 बजकर 36 मिनट के बीच में किया जाएगा। अगर आप भी इंदिरा एकादशी का (indira ekadashi 2024) व्रत रखने जा रहे हैं, तो जान लीजिए कि यह व्रत क्यों रखा जाता है और इसके फायदे क्या हैं?

क्यों रखा जाता है इंदिरा एकादशी व्रत? (kyo rakha jata hai indira ekadashi vrat)

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इंदिरा एकादशी (indira ekadashi 2024) का व्रत इसलिए किया जाता है, ताकि जो पूर्वज जाने-अनजाने में किए गए अपने कर्मों का दंड यमराज के पास भोग रहे होते हैं, उन्हें उससे छुटकारा मिल सके और उनकी आत्मा को शांति मिले। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम (shaligram) रूप की विधिवत पूजा-अर्चना और उपवास करने से पूर्वजों को जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करती है।

इंदिरा एकादशी व्रत रखने का फायदा (indira ekadashi)

धार्मिक मान्यता के मुताबिक पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी (indira ekadashi) का व्रत करने से साधक को हजारों वर्षों की तपस्या करने के बराबर फल मिलता है। वहीं कन्यादान जैसे पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को करने से न सिर्फ विष्णु भगवान का आशीर्वाद मिलता है बल्कि सात पीढ़ियों के पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 27 September 2024 at 18:45 IST