अपडेटेड 25 August 2024 at 18:29 IST
Janmashtami: श्री कृष्ण की द्वारका पानी में क्यों डूब गई थी? महाभारत से जुड़ा है राज...
Who destroyed Dwarka? द्वारका नगरी का समुद्र में डूबने का क्या रहस्य है? इस लेख में जानें कि क्यों और कैसे डूबी थी द्वारका?
- धर्म और अध्यात्म
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Why is Dwarka submerged in water? द्वारका नगरी के कण आज भी समुद्र में मिलते हैं। भगवान कृष्ण की नगरी जितनी मायावी थी उतनी ही सुंदर और विचित्र भी थी। लेकिन आखिरी ये नगरी समुद्र में क्यों डूबी और इस नगरी के पीछे क्या रहस्य था, इसके बारे में शायद ही आपको पता होगा। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हम आपको इसके रहस्य से अवगत कराएंगे।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि श्री कृष्ण की द्वारका नगरी समुद्र में क्यों समा गई और इसके पीछे क्या सच्चाई थी। पढ़ते हैं आगे…
द्वारका नगरी समुद्र में कैसे डूब गई? (How did Dwarka get destroyed?)
कहते हैं कि द्वारका नगरी का निर्माण विश्वामित्र और मयासुर द्वारा किया गया था। इस नगरी में श्री कृष्णा 36 वर्षों तक रहे। वहीं दूर-दूर से इस नगरी को लोग देखने आते थे। कहते हैं एक बार विश्वामित्र और ऋषि नारद द्वारका नगरी पहुंचे। वहां पर कुछ लड़कों ने उनके साथ मजाक किया। वे श्री कृष्ण के पुत्र सांब को स्त्री बनाकर ऋषियों के पास ले गए और कहां कि यह स्त्री गर्भवती है। लेकिन हमें इसके बच्चों को लेकर चिंता हो रही है। ऐसे में आप कुछ बताइए।
तब ऋषि ने साधना की और उन्हें ध्यान से यह पता लगा कि यह तो श्री कृष्ण का पुत्र है। वह इस मजाक से बेहद अपमानित हुए। उन्होंने उसे श्राप दिया कि इसके गर्भ से मुसल यानी शस्त्र निकलेगा जो यदुवंशी कुल का विनाश करेगा। अब यदुवंशी खुद आपस में ही लड़कर मरने लगे। इधर बलराम ने भी अपनी देह का त्याग कर दिया और किसी शिकारी ने श्री कृष्ण को हिरण समझा और उन पर बाढ़ चला दिया, जिससे श्री कृष्णा भी देवलोक चले गए।
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दूसरी तरफ कहते हैं कि जब महाभारत का युद्ध हुआ तो पांडवों में खुशी की लहर दौड़ गई। ऐसे में जब हस्तिनापुर की राजगद्दी पर युधिष्ठिर का राज तिलक हो रहा था तो उस दौरान श्री कृष्ण मौजूद थे। तब गांधारी बेहद दुखी थीं। वे श्री कृष्ण से बेहद क्रोधित थी। तब उन्होंने श्री कृष्ण को श्राप दिया कि जैसे मेरे कुल का नाश हुआ है उसी प्रकार तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारा कुल का भी नाश हो जाएगा। कहते हैं इसी गांधारी के श्राप से ही द्वारका नगरी पानी में डूब गई थी।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 25 August 2024 at 18:28 IST