अपडेटेड 19 June 2025 at 16:01 IST
Premanand Maharaj: राधावल्लभ संप्रदाय के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का नाम आज भारत के हर घर में गूंज रहा है। प्रेमानंद महाराज लोगों की समस्याओं का समाधान आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से करते हैं और उन्हें जीवन में उन्नति का मार्ग बताते हैं। वे भगवान के नाम जप को सबसे बड़ी और सरल साधना बताते हैं।
प्रेमानंद महाराज के भक्त सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश-विदेश में दुनिया भर में हैं। उनके ऑडियो और वीडियो दुनियाभर में लोगों तक पहुंचते हैं। विदेशों से भी श्रद्धालु प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने उनके प्रवचन सुनने के लिए वृंदावन धाम आते हैं।
बड़ों के पैर छूकर हाथ धोने से पुण्य नष्ट होते हैं?
एकांतिक वार्ता के दौरान एक भक्त ने पूछा कि मैं घर में रहती हूं जिससे मुझे बड़ों के पैर छूने पड़ते हैं लेकिन पैर छूने के तुरंत बाद में हाथ धो लेती हूं तो क्या जो मैंने पैर छूकर पुण्य कमाए वह हाथ धोकर नष्ट कर लिए?
पैर छूना तो मर्यादा है, भगवत भाव से ही पैर छुएं- प्रेमानंद महाराज
भक्त के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा किसी के पैर छूने के बाद हाथ तो धो लेने चाहिए क्योंकि ठाकुर जी की सेवा करनी होती है। पैर छूना तो मर्यादा है और हम जब भी पैर छुए भगवत भाव से ही छुएं। हमारे वह हाथ कभी कहीं और ना लग जाए इसलिए हम हाथ होते हैं, लेकिन उससे कोई पाप या पुण्य नष्ट नहीं होता बल्कि हमें ठाकुर सेवा करनी और अन्य सेवाएं भी करनी है।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर हम पैर छूने वाले हाथों से ठाकुर जी को भोग लगाएंगे तो उसे भोग को ठाकुर जी स्वीकार नहीं करेंगे इसलिए हमारा हाथ धोना जरूरी है।
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पब्लिश्ड 19 June 2025 at 16:01 IST