अपडेटेड 25 November 2025 at 10:26 IST

Vivah Panchami 2025: क्यों मनाई जाती है विवाह पंचमी? जानें धार्मिक महत्व, श्री राम-माता सीता की शादी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vivah Panchami 2025 Kab Hai: विवाह पंचमी के दिन व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान श्री राम और माता सीता की विशेष रूप से पूजा भी की जाती है।

vivah Panchami 2025 significance importance shubh muhurat puja Vidhi lord rama mata sita wedding
vivah Panchami 2025 | Image: Freepik

Why We Celebrate Vivah Panchami: विवाह पंचमी हिन्दू धर्म में एक बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह दिन भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह को याद करने के लिए मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे धार्मिक महत्व काफी अहंम है। तो चलिए जानते हैं विवाह पंचमी क्यों मनाई जाती है? साथ ही, बताएंगे इसका धार्मिक महत्व क्या है और इस साल यानी 2025 में शुभ मुहूर्त कब है और पूजा विधि कैसे की जाती है।

विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व

Uploaded image

हिन्दू धर्मानुसार, विवाह पंचमी वह दिन है जब भगवान राम ने माता सीता से विवाह किया था। इस दिन को उनके दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है। उनका विवाह न सिर्फ एक पौराणिक घटना है, बल्कि वैदिक और मर्यादा-परंपरा का प्रतीक भी है। राम-सीता का मिलन दांपत्य जीवन की पवित्रता, मेलजोल और स्थिरता का संदेश देता है। कहा जाता है कि इसी तिथि पर गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना पूरी की थी।

क्यों रखा जाता है विवाह पंचमी के दिन व्रत?

इस दिन श्रद्धालु भगवान राम और माता सीता की पूजा करते हैं, उनका विवाह स्मरण करते हैं और व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे दांपत्य सुख बढ़ता है, विवाह योग्य युवकों-युवतियों को शुभ जीवनसाथी मिलता है, और घर में प्रेम-सौहार्द की वृद्धि होती है।

विवाह पंचमी में क्यों नहीं की जाती शादी?

दिलचस्प बात यह है कि हालांकि यह विवाह का दिन है, परंपरागत रूप से इस दिन लोगों की शादी नहीं कराई जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह दिन विवाह पूजा, विरासत, और आध्यात्मिक स्मरण का दिन माना जाता है। इसी वजह से हिन्दू धर्म में इस दिन किसी भी विवाह का समारोह नहीं किया जाता है।

Advertisement

विवाह पंचमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

Uploaded image

विवाह पंचमी 2025 में 25 नवंबर को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि की शुरुआत 24 नवंबर शाम 9:22 बजे से होती है और यह तिथि 25 नवंबर रात 10:56 बजे तक मनाई जाएगी।

इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:20 बजे से 04:59 बजे तक पूजा-कार्य किए जा सकते हैं।

Advertisement

कैसे करें विवाह पंचमी की पूजा?

  • पंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और मन को शुद्ध करें। फिर ध्यान या कुछ समय के लिए शांत बैठकर भगवान राम और सीता का ध्यान करें।
  • एक चौकी या छोटी पूजा मेज पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उस पर राम और सीता जी की प्रतिमा या तस्वीर रखें। थोड़ा गंगाजल अर्पित करें।
  • इसके बाद फूल, फल, मिठाई, अगर हो सके तो कुछ प्रसाद अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर भगवान को सम्मान दें।
  • रामचरितमानस के बालकांड में राम-सीता विवाह की कथा पढ़ने का विधान है। आप रामायण से विवाह प्रसंग का पाठ भी कर सकते हैं या विवाहोत्सव की झांकी की कल्पना कर सकते हैं।
  • इस दिन दांपत्य जीवन में प्रेम-समझौता, स्थिरता, सौहार्द की कामना करते हुए संकल्प लें। यदि कोई व्रत करना चाहता है, तो राम-सीता के विवाह के स्मरण में व्रत भी रखा जा सकता है।
  • पूजा के अंत में आरती कर सकते हैं। परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर प्रसाद बांटना और खुशियाँ साझा करना शुभ रहता है।
Uploaded image

विवाह पंचमी मनाने का क्या है सन्देश?

  • प्रेम और समर्पण का प्रतीक: राम और सीता का विवाह हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम न सिर्फ आकर्षण है, बल्कि सेवा, समर्पण और मर्यादा पर भी आधारित है।
  • परिवार में स्थिरता: इस दिन की पूजा करने से माना जाता है कि दांपत्य में संतुलन, समृद्धि और स्थिरता आती है।
  • आध्यात्मिक अनुशासन: विवाह पंचमी सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक स्मरण का दिन है। इस दिन अपनी आस्था, भक्ति और धार्मिक परंपरा को जीवित रखने का अवसर भी माना जाता है।

यह जरूर पढ़ें: Vastu Tips For Prosperity: घर में रख दें ये 5 चीजें, नहीं होगी पैसों की तंगी और जीवन में आएगी सुख-समृद्धि, मिलेगी तरक्की

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 23 November 2025 at 22:34 IST